दो दिन लगातार इसपर बहस हुई। एक बार तो शुभारंभ टालते हुए पहले इतिहास का डिजिटल फार्म बनाने की बात हुई। हालांकि विवाद टालने भोपाल का इतिहास बताने की बजाए, महात्मा गांधी की फिल्म दिखाने पर सहमति बनी। यही फिल्म सोमवार को शुभारंभ अवसर पर दिखी। अब भोपाल के 1000 साल के इतिहास को खंगालने के लिए मप्र शासन की सहमति से इतिहासकारों की एक कमेटी बनाना तय हुआ है।
ये राजाभोज से आज दिनांक तक भोपाल के पूरे इतिहास, इसकी ऐतिहासिक इमारतों, निर्माणों और जीवन शैली को लिपिबद्ध करेगा, डिजिटल फार्म में सबके सामने लाएगा। महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि हम भोपाल का 1000 हजार साल का इतिहास चाहते हैं और सिर्फ 300 साल के इतिहास से काम नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल के इतिहास को लेकर कमेटी की बात मंजूर की है और जल्द ही पूरा इतिहास सबके सामने होगा। ये वाटर स्क्रीन भी इसी इतिहास को सबके सामने लाने के लिए बनाई गई है।
गौरतलब है कि तालाब किनारे बोट क्लब पर दस हजार वर्गफीट में सीमेंट कांक्रीट के ओपन थियेटर निर्माण व म्यूजिकल फाउंटेन, वाटर स्क्रीन निर्माण में करीब सवा आठ करोड़ रुपए का खर्च किया गया है। तीन साल से ये तैयार था, लेकिन बड़ा तालाब रामसर साइट और 50 मीटर सीमा में निर्माण प्रतिबंधित होने के बावजूद निर्माण मामले में शुभारंभ अटका रहा। अंतत: शासन ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए इसका शुभारंभ कर दिया। शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ,ने किया।
कार्यक्रम में महापौर आलोक शर्मा समेत अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहें। जीवन वाटिका पार्क में स्थापित म्यूजिकल फ ाउन्टेन एवं वॉटर स्क्रीन के संचालन से प्रतिदिन 20 लाख लीटर जल का शुद्धिकरण का दावा किया जा रहा है। फ ाउण्टेन में 45- 2डी नोजल, 115- 3डी नोजल स्थापित किए गए। शो के लिए वाटर स्क्रीन 30 मीटर लम्बाई एवं 10 मीटर ऊंचाई की है।