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CM कमलनाथ पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह का तगड़ा हमला, बोले: असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है

locationभोपालPublished: Feb 17, 2020 12:17:03 pm

पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने लगाए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप…

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भोपाल@आलोक पांड्या की रिपोर्ट…
मध्य प्रदेश की सरकार में सिंधिया व कमलनाथ के तनाव के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए तीव्र हमला किया हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उन्होंने कहा कि टैक होम राशन, पोषण आहार में खेल हो रहा है। सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
शिवराज सिंह के अनुसार हमारी सरकार में हमने तय किया था कि ये कार्य निजी कंपनी के हाथ मे नहीं रहेगा। इसके तहत एमपी एग्रो किसी भी निजी कंपनी या ठेकेदारों को सम्मिलित नहीं करेगा। यह फैसला कमलनाथ की कैबिनेट भी लिया था।
ये लगाए आरोप…
शिवराज सिंह ने कमलनाथ की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में नया खेल हुआ, 11 बिंदु को CS ने इस फैसले को गायब किया। वो ये बताए कि क्या ये मर्जी से किया गया है? क्या एक CS की इतनी मजाल की वो कैबिनट के फैसले को पलट दे?
गौरी सिंह का किया अभिनंदन…
पूर्व सीएम शिवराज ने यह भी कहा कि मैं गौरी सिंह का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने सरकार के इस फैसले का ही विरोध किया था।

राज्य के CS ने गलत तरीके से कैबिनट के फैसले को बदल दिया, वहीं कमलनाथ सरकार में ईमानदार अफसर बली चढ़ रहे हैं। इस फैसले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को खुद जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर मैं राज्यपाल को पत्र लिखूंगा।
असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है : शिवराज
वहीं पूर्व सीएम ने कमलनाथ पर ये कहते हुए हमला भी बोला कि सीएम कुछ नही बोल रहे हैं, वे सिर्फ विभागीय मंत्री बनाने का काम कर रहे हैं।
जबकि इनकी सरकार में अतिथि विद्वान आत्महत्या कर रहे हैं। जिसके कारण अतिथि विद्वान की पत्नी अस्थि कलश रखकर धरना देने को मजबूर होना पड़ा।

सरकार से अपील: शिवराज सिंह चौहान ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि कम से कम उस विधवा बहन की तो सुन लो, और अतिथि विद्वानों से चर्चा कर नितमितिकरण का रास्ता निकालो।
ये बोले सिंधिया और कमलनाथ पर…
वहीं कमलनाथ और सिंधिया की आपसी लड़ाई पर पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि यह सरकार नही सर्कस है, तमाशा कर रखा है। पूरे प्रदेश में तमाशा हो रहा है,इन लोगो की लड़ाई में प्रदेश तबाह हो रहा है।

शिवराज सिंह : मैं राज्य के मुख्यमंत्री से निम्न प्रश्नों के जबाव चाहता हूं:-
1. क्या यह सच है कि वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, दोनो ने प्रस्ताव दिया था कि पोषण आहार का कोई निजीकरण नहीं होना चाहिए?
2. क्या यह सच है कि केबिनेट में भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई ?
3. क्या यह सच है कि एसीएस गौरी सिंह ने केबिनेट में विधिवत रूप से अपना पक्ष सरकार के समक्ष रखा ?
4. क्या सह सच है कि निजी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया गया, लेकिन बाद में रिकार्ड में इसे बदल दिया गया। क्या कारण रहा इसे बदलने का ?
5. क्या सह सच है कि इस तरह से निर्णय को हेरफेर कर बदलने से निजी कंपनियांे को फायदा होगा?
6. क्यों राज्य के मुख्य सचिव ने, गलत तरीके से केबिनेट के निर्णय को बदल दिया?
7. क्या यह उच्च न्यायालय के निर्देशों के उल्लंघन का कुटिल प्रयास नहीं है?
8. क्या यह सच है कि भ्रष्टाचारी अफसरों, ठेकेदारों के दबाव में ही आपकी सरकार ने ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ अफसर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया।
शिवराज: भाजपा की मेरी सरकार ने दिनांक 13 मार्च 2018 को केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया था कि:-
1. टेकहोम राशन का कार्य महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से किया जायेगा।
2. इसके लिए 07 आटोमेटिक संयन्त्र राज्य में स्थापित किये जाएंगे।
3. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हमने पोषण आहार व्यवस्था से ठेकेदारों,प्राईवेट फर्मो का काम स्व सहायता समूहों को देना उन्हें सशक्त बनाया जायेगा।
4. लगभग 110 करोड़ की राशि से प्लांटो का निर्माण किया गया। लाभ की राशि में से महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशाक्तिकरण का कार्य होता। प्लांटों द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ में से 90 प्रतिशत राशि आजीविको मिशन को जाती जिसमें से 50 प्रतिशत राशि राजकीय कोष में और 50 प्रतिशत स्वसहायता समूहों को महिला सशाक्तिकरण हेतु प्रदाय की जाती है।
यह भाजपा सरकार का निर्णय था।
1. देवास, धार, होशंगाबाद, मंड़ला, सागर, शिवपुरी, रीवा, में प्लांट तैयार किये गए यह कार्य वर्तमान कांग्रेस सरकार को प्रारंभ करना था।
2. दिनांक 27.11.2019 को सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव श्रीमती गौरी सिंह के हस्ताक्षरों से संक्षेपिका रखी गयी। संक्षेपिका में निर्णय प्रारूप के क्रमांक 11 पर लिखा था- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था ठेकेदार या आऊट सोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन उत्पादन/संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।
3. मंत्री-परिषद की बैठक दिनांक 27.11.2019 को निम्नानुसार निर्णय पारित किया गया-
बिंदु 11- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को ब्ेकहोम राशन उत्पादन संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।
यह महिला सशाक्तिकरण की दिशा में और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप तत्कालीन भाजपा सरकार की कैबिनेट के निर्णय के अुनरूप कांग्रेसनीत सरकार की कैबिनेट का उचित निर्णय था।
4. दोस्तों फिर भ्रष्टाचार, काली कमाई, खराब नियत वाले अफसरों ओर जन नेताओं के नापाक गठबंधन की कहानी शुरू होती है।
गौरी सिंह ने कैबिनेट के 27.11.2019 के पारित निर्णय से विभागों को अपने नोटशीट से अवगत करवाकर क्रियान्वयन की तैयारी शुरू करवा दी है।
1. गौरी सिंह को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी।
2. मुख्य सचिव एस.आर.मोहंती ने अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को एक नोटशीट भेजी जिसमें लिखा गया कि-
विभागीय संक्षेपिका दिनांक 26.11.2019 की कंड़िका 13 की उपकंड़िका 1 से 10 तथा 12 से 15 का अनुमोदन किया जावें।
और इसको मानकर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनोज श्रीवास्तव ने दिनांक 16.01.2020 को एक आदेश क्रमांक 280 जारी कर दिया जिसमें से कैबिनेट द्वारा 27.11.2019 को पारित निर्णय की कंड़िका 10 को विलोपित कर दिया।
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