दोनों ही पार्टियां लगातार एक दूसरे की खामियों को जाहिर करते हुए जनता के सामने दूसरे की पोल खोलने की कोशिश में जुटी हुई हैं। वहीं दोनों में से कोई पार्टी किसी भी मौके को हाथ् से गंवाने के मूड में नहीं दिख रही है।
इसी के चलते पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में वरिष्ठतम सांसद कमलनाथ के सोमवार को किए गए ट्वीट से बवाल मच गया है। वहीं इसके तुरंत बाद भाजपा ने कमलनाथ को सीख देने में देरी नहीं की और उन्हें वाणी पर संयम रखने की सलाह दे डाली और आपत्ति दर्ज करते हुआ इसकी निंदा कर डाली।
दरअसल कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा के नारों को देश की जनता अब यूं कहती है। मेक इन इंडिया-रेप इन इंडिया, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ-बेटियों को छिपाओ, बलात्कारियों से बचाओ। देश बदल रहा है- बेटियों के साथ रोज रेप हो रहा है। स्टार्ट अप इंडिया- रोज ब्रेक हो रही बहन-बेटियां। अबकी बार-नारी की इज्जत रोज हो रही तार-तार।
इसके बाद कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि ‘मैने कहीं पढ़ा था कि 20 ऐसे नेता हैं भारतीय जनता पार्टी के जो बलात्कार से जुड़े हुए हैं। अब पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी होना चाहिए या बलात्कार जनता पार्टी ये जनता को सोचना है।
कमलनाथ के इस ट्वीट और एक बयान के बाद कांग्रेस और भाजपा के जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि आप देश के वरिष्ठ नेता है। आपकी भाषा रेप इन इंडिया घोर आपत्ति जनक है। इंडिया संवैधानिक शब्द है, आपकी टिप्पणी भारत का अपमान है।
मध्यप्रदेश राज्य निगम आपूर्ति निगम के अध्यक्ष हितेष वाजपेई ने ट्वीट कर कहा कि सर इस उम्र में देश के लिए और बच्चियों के लिए आपके ‘घटिया हास्य’ की जितनी निंदा की जाए कम है। इस प्रकार की भाषा अच्छी नहीं।
इधर कांग्रेस की ओर से पलटवार करते हुए प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि भाजपा पहले सही ढंग से पढ़े, यह नारे अब जनता कह रही है और आपके लिए यह हास्य हो सकता है।
हमारे लिए गंभीर चिंतन का विषय है और जितनी तकलीफ आप इस लिखे पर दिखा रहे हैं, उतनी कठुआ व उन्नाव कांड और प्रीत रघुवंशी आत्महत्या मामले में जैसे घृणित कृत्व व उसमें अपनी पार्टी के नेताओं की सोच एवं अपनी सरकार पर भी दिखाइए।