गणवेश की राशि बच्चों के बैंक खातों में अगले महीने तक ट्रांसफर करने की तैयारी है। सरकार ने इसके लिए करीब चार सौ करोड़ रुपए का बजट रखा है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक, गणवेश बांटने का अधिकार कलेक्टरों को सौंपा जाएगा। कलेक्टर यदि स्व सहायता समूहों के जरिए गणवेश तीन माह में तैयार करा लेते हैं तो वे बच्चों को गणवेश बांट सकेंगे, लेकिन जिन जिलों में कलेक्टरों के पास ऐसी व्यवस्था नहीं है, वहां बच्चों के खाते में ही राशि दी जाएगी।
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इधर, भोपाल-इंदौर जिले में साइकिल की जगह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को राशि दी जाएगी। यह पैसे सीधे उनके खाते में पहुंचेंगे। शेष जिलों में विद्यार्थियों के मान से साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने 5 लाख 30 हजार बच्चों को साइकिल देने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। हालांकि टेंडर अभी फाइनल नहीं हुए हैं। इसके तहत टेंडर में एक साइकिल की कीमत जितनी आएगी, उसी के हिसाब से भोपाल-इंदौर में बच्चों के खाते में साइकिल की राशि ट्रांसफर की जाएगी।
आरोपों के बाद बदली जा रही व्यवस्था
बता दें, गत वर्ष गणवेश के कपड़े की गुणवत्ता, सिलाई और साइज को लेकर शिकायतें हुई थीं। यह मामला ईओडब्ल्यू तक पहुंचा था। इसके बाद व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है