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Madhya Pradesh में कर्मचारियों को फरवरी में मिल सकती है खुशखबरी, सीएम की वापसी पर होगा डीए का फैसला

locationभोपालPublished: Jan 20, 2020 03:03:54 pm

10 लाख कर्मचारियों व 4 लाख पेंशनरों को मिल सकती है बड़ी राहत…

DA and DR file in madhya pradesh

DA and DR file in madhya pradesh

भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मामला एक बार फिर अधर में आ गया है। दरअसल मध्यप्रदेश के करीब 10 लाख कर्मचारियों व 4 लाख पेंशनरों की महंगाई राहत (DR) व महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने पर फैसला अभी तक नहीं हो पाया है।

बताया जाता है कि वित्त विभाग एरियर के भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात कर रणनीति बनाना चाहता है। लेकिन इस संबंध में अब तक बैठक नहीं हो सकी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के विदेश प्रवास से वापस आने के बाद ही यानि फरवरी के पहले सप्ताह में इस मामले पर चर्चा हो सकेगी। ऐसे में राज्य के कर्मचारियों को फरवरी 2020 या उसके बाद ही कोई खुशखबरी मिलने की बात सामने आने की आशा है।
वहीं केंद्र ने 1 जुलाई 2019 से ही महंगाई भत्ता 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत प्रतिमाह कर दिया है। भले ही केंद्र सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी 24 अक्टूबर 2019 से महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत कर दिया है, वहीं प्रदेश के कर्मचारी अभी भी महंगाई भत्ता व पेंशनर्स महंगाई राहत बढ़ाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
अनिर्णय की स्थिति…
जानकारी के अनुसार वित्त विभाग एक माह पहले ही डीए/डीआर 5 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करके उच्च अधिकारियों को भेज चुका है। वहीं सूत्रों के मुताबिक विभाग डीए/डीआर देने को तो राजी है, लेकिन जुलाई से दिसंबर तक के एरियर का भुगतार किस तरह किया जाए इसे लेकर संशय बना हुआ है यानि इस पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।
अभी तक तृतीय श्रेणी कर्मचारी तक डीए का आधा भुगतान नकद व बाकि भविष्य निधि खाते में जमा कराया जाता रहा है। वहीं इसके उपर की श्रेणी के अधिकारियों कर्मचारियों का एरियार भविष्य निधि में जमा कराया जाता रहा है।
वहीं ये बात भी सामने आ रही है कि कर्मचारी संगठनों में भी अब धीरे धीरे डीए देने को लेकर निर्णय में हो रही देरी से नाराजगी बढ़ने लगी है। साथ ही पेंशनर्स एसोसिएशन भी डीआर बढत्राने की मांग कर चुका है।
चंद माह बाद नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी सरकार को भारी पड़ सकती है।ऐसे में सीएम कमलनाथ के विदेश से लौटने पर इसका फैसला होने की उम्मीद है।
ऐसे गड़बड़ाया गणित…
जानकारी के अनुसार केंद्र ने इस बार डीए 3 प्रतिशत अधिक बढ़ा दिया है, इससे राज्य का बजट प्रबंधन गड़बड़ा गया है। भले ही दो प्रतिशत की वृद्धि को आधार मान कर बजट में प्रावधान तो रखा गया है, लेकिन जो 3 प्रतिशत की अधिक राशि का भार बढ़ा है, उसका प्रबंध करना कुछ कठिन दिख रहा है।
वहीं अतिवृष्टि के कारण पहले ही सरकार पर 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का वित्तीय भार आ गया है। वहीं किसान कर्जमाफी योजना के दूसरे चरण में 5 लाख से ज्यादा का एक लाख रुपए तक चालू खाते का कर्जमाफ किया जा रहा है।
इसके अलावा जीएसटी में राज्य का अंश मिलने में विलंब हो रहा है तो केंद्रीय करों मेंभीकटौती केंद्र सरकार ने कर दी है। इन कारणों से राज्य को अपने संसाधनों के इस्तेमाल की प्राथमिकता नए सिरे से तय करनी पड़ रही है।

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