अध्यापक अपने शिक्षा विभाग में संविलियन का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। जिसे देखते हुए अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन के आदेश जारी Big Good news for teachers कर दिया गया है! वहीं आदेश के जारी होने की जानकारी मिलते ही अध्यापक संवर्ग में खुशी की लहर दौड़ गई है। जारी हुए इस आदेश मेंं 1 मार्च 2018 की तारीख अंकित है। वहीं इसमें यह भी लिखा है कि अध्यापकों को सातवां वेतनमान अभी नही मिला है। इसके आदेश बाद में जारी होंगे। सोशल मीडिया पर ये आदेश पत्र की सूचना सामने आते ही अध्यापकों मे खुशी छा गई।
वहीं सोशल मीडिया पर इसके जारी होना का संदेह कुछ लोगों को हुआ, तो उन्होंने इस बाबत पता किया। जिसके बाद इस आदेश की सच्चाई सामने आई। इस संबंध में अध्यापक संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि किसी ने शरारतपूर्वक ये पत्र जारी किया है। क्योंकि पता लगाने पर ये बात सामने आई है कि विभाग से ऐसा कोई पत्र जारी ही नहीं हुआ। वहीं अपने साथ हुए इस धोखे से नाराज अध्यापक इसकी शिकायत कराने भी जा रहे हैं।
अध्यापक नेताओं का कहना है कि किसी ने जानबूझ कर हमारे साथ व हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, जो कि अनुचित है इसलिए ऐसे धोखेबाज को इसका दंड मिलना ही चाहिए। वहीं जिन अध्यापकों को इस विषय में जानकारी नहीं है वे इस आदेश को सच मानते हुए खुश हैं।
दरअसल लंबे प्रदर्शन के बाद सीएम शिवराज CM SHIVRAJ SINGH ने पिछले दिनों सीएम हाउस आए अध्यापकों adhyapak news को आश्वासन दिया था कि उनका शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा। ये कहा था सीएम ने…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों से बातचीत में कहा था कि अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियनgood news for adhyapak होगा। अब सिर्फ एक संवर्ग शिक्षक संवर्ग होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों से बातचीत में कहा था कि अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियनgood news for adhyapak होगा। अब सिर्फ एक संवर्ग शिक्षक संवर्ग होगा।
अध्यापक संवर्ग सहित संविलियित सभी संवर्गों को, शिक्षकों को जो सुविधाएँ मिलती हैं, वह मिलेंगी। यह बातें मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर अध्यापक संघों Big Good news for teachers latest in hindi 04march 2018 के पदाधिकारियों और अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहीं थीं। उन्होंने कहा था कि इस फैसले का लाभ अध्यापक और अन्य संवर्गों के लगभग तीन लाख लोगों को मिलेगा।
ऐतिहासिक अन्याय दूर हुआ
इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी कहा थाा कि अध्यापकों के साथ ऐतिहासिक अन्याय दूर हो रहा है। अध्यापकों को मिल रही सुविधाओं में स्थानांतरण नीति, गुरुजियों का वरिष्ठता क्रम तथा शिक्षिकाओं के लिये मातृत्व अवकाश की सुविधा adhyapak news शामिल रहेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी कहा थाा कि अध्यापकों के साथ ऐतिहासिक अन्याय दूर हो रहा है। अध्यापकों को मिल रही सुविधाओं में स्थानांतरण नीति, गुरुजियों का वरिष्ठता क्रम तथा शिक्षिकाओं के लिये मातृत्व अवकाश की सुविधा adhyapak news शामिल रहेगी।
यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश ने वह दौर भी देखा है जिसमें शिक्षकों को कर्मी बना दिया गया था। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में कर्मी कल्चर समाप्त कर नयी शैक्षणिक संस्कृति स्थापित करने के लिये वर्ष 2004 से आज तक अनेक महत्वपूर्ण फैसले लेकर उन्हें लागू किया है।
निश्चिंत होकर बच्चों की शिक्षा पर दे ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अध्यापकों सहित शिक्षक संवर्ग marger of adhyapak में शामिल सभी संवर्गों का दायित्व है कि वे निश्चिन्त होकर अपना ध्यान बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर लगाये। पूरी मेहनत और निष्ठा से बच्चों को पढ़ायें और उनका भविष्य बनायें। शिक्षकों का भविष्य राज्य सरकार बनायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अध्यापकों सहित शिक्षक संवर्ग marger of adhyapak में शामिल सभी संवर्गों का दायित्व है कि वे निश्चिन्त होकर अपना ध्यान बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर लगाये। पूरी मेहनत और निष्ठा से बच्चों को पढ़ायें और उनका भविष्य बनायें। शिक्षकों का भविष्य राज्य सरकार बनायेगी।
संभाग स्तर पर होंगे शिक्षा गुणवत्ता सम्मेलन…
संभाग स्तर पर गुणवत्ता सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे ताकि शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों के बेहतर परीक्षा परिणाम आयें। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने तय किया है कि बारहवीं कक्षा में सत्तर प्रतिशत अंक लाने वाले बच्चों का प्रवेश मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में होने पर उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी।
संभाग स्तर पर गुणवत्ता सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे ताकि शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों के बेहतर परीक्षा परिणाम आयें। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने तय किया है कि बारहवीं कक्षा में सत्तर प्रतिशत अंक लाने वाले बच्चों का प्रवेश मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में होने पर उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी।