बता दें कि अब मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल आने वाली 1 सितंबर से ऑनलाइन शिक्षण सत्र की शुरुआत करने जा रहा है। इस शिक्षण सत्र में पूरा कोर्स 12 यूनिट में बांटकर एक को 15 दिन में खत्म करना है, यानि छह माह में पूरे यूनिट को खत्म करना होगा।
100 अंक का होगा
कोर्स के पूरा खत्म होने के बाद प्रत्येक यूनिट का बोर्ड द्वारा मूल्यांकन कराया जाएगा। जिसमें पूरा पेपर 100 अंक का होगा। इस पेपर में 30 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 3 अंक के 10 प्रश्न और 4 अंक के 10 प्रश्न होंगे। इसमें 70 अंक स्कूल द्वारा आंतरिक मूल्यांकन कर भेजे जाएंगे और 30 अंक के लिए बोर्ड परीक्षा लेगा। इस पैटर्न के आधार पर ही बच्चों का रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग पहले ही बता चुका है कि इस सत्र में तिमाही व छमाही परीक्षाएं कराना संभव नहीं है। इस कारण भी विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन जरूरी किया गया है। इस मूल्याकंन के लिए बच्चों को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। वे इस परीक्षा को कहीं से कभी भी दे सकते हैं।
मोबाइल में भेजा जाएगा प्रश्न पत्र
परीक्षा में शामिल होने के लिए बच्चों के मोबाइल पर ही मंडल प्रश्नपत्र भेजेगा। जिसे हल कर विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिका अपने स्कूल में जमा करनी होगी। स्कूल के शिक्षक उत्तर पुस्तिका को जांचने के बाद अंक बोर्ड की वेबसाइट में मोबाइल ऐप के माध्यम से भेजेंगे। इस बारे में मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया का कहना है कि 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के ऑनलाइन मूल्यांकन के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में जल्द ही दिशा-निर्देश जारी होंगे।