आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भर्ती नियम 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किए गए शिक्षकों पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के प्रावधान प्रभावशील होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। मध्यप्रदेश के अध्यापक संवर्ग के दो लाख 84 हजार शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा।
12 साल से कर रहे थे मांग
मध्यप्रदेश में 12 साल से चली आ रही अध्यापकों की मांग को कमलनाथ सरकार ने पूरा कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। आदेश के मुताबिक मध्यप्रदेश के अध्यापकों को शासकीय सेवकों की तरह सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। उन्हें शासकीय शिक्षकों की तरह छुट्टियां और अनुकंपा नियुक्ति समेत आवास भत्ता और महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा। अब यह अध्यापक शासकीय शिक्षक कहलाएंगे।
काफी समय से चल रही थी मांग
छह माह पहले अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें भी शासकीय शिक्षकों की तरह सुविधाएं, भत्ते और शिक्षकों का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। उनकी मांग को मानते हुए कमलनाथ सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी भी कर दिए हैं।
एक नजर
-2.84 हजार अध्यापकों को तोहफा
-एक जुलाई से अध्यापक शासकीय शिक्षक माने जाएंगे।
-नियमित शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाओं का लाभ।
-नियमित शिक्षकों की तरह हो सकेगा ट्रांसफर।
-परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का भी होगा प्रावधान।
-12 साल पूरे होने पर क्रमोन्नति का लाभ मिलेगा।
– एक जुलाई से ही सातवें वेतनमान का भी मिलेगा लाभ।
-समूह बीमा का भी किया गया है प्रावधान।
-चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा भी मिलेगी।