पुरानी स्थिति लाएं
20 साल पहले कैचमेंट के खेतों में रसायनों का उपयोग बहुत कम था, यही स्थिति लानी होगी। कैचमेंट में सघन पौधरोपण किया जाए, ताकि बारिश के बाद पौधों की नमी से मिट्टी सख्त न हो।
इन क्षेत्रों में हो रही कैचमेंट में खेती
बैरागढ़, बरखेड़ानाथू, स्पोट्र्स अकादमी के पास, बिशनखेड़ी, गौरा, सूरज नगर, बरखेड़ा समेत अन्य जगहों पर कैचमेंट में खेती की जाती है।
ये उपाय जरूरी हैं
361 वर्गकिमी के कैचमेंट एरिया को संरक्षित करने 34 स्थानों पर चेक डैम बनाने होंगे। अभी तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। खानूगांव, बोरवन, बेहटा व बैरागढ़ में सीवेज मिल रहा है।
20 साल पहले कैचमेंट के खेतों में रसायनों का उपयोग बहुत कम था, यही स्थिति लानी होगी। कैचमेंट में सघन पौधरोपण किया जाए, ताकि बारिश के बाद पौधों की नमी से मिट्टी सख्त न हो।
इन क्षेत्रों में हो रही कैचमेंट में खेती
बैरागढ़, बरखेड़ानाथू, स्पोट्र्स अकादमी के पास, बिशनखेड़ी, गौरा, सूरज नगर, बरखेड़ा समेत अन्य जगहों पर कैचमेंट में खेती की जाती है।
ये उपाय जरूरी हैं
361 वर्गकिमी के कैचमेंट एरिया को संरक्षित करने 34 स्थानों पर चेक डैम बनाने होंगे। अभी तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। खानूगांव, बोरवन, बेहटा व बैरागढ़ में सीवेज मिल रहा है।
गाद जमने के कारण तालाब की गहराई रह गई महज 3.16 मीटर
गा द जमने से बड़े तालाब की गहराई 3.16 से 11.64 मीटर तक रह गई है। पानी की शुद्धता का स्तर बढ़ाने के लिए इसकी गहराई अधिक करने की जरूरत है। इसके अलावा कैचमेंट में पेड़ों की लगातार कम हो रही संख्या को देखते हुए यहां वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाना था। नगर निगम और जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसी तरह एप्को के पास वेटलैंड अथॉरिटी के तहत बड़े और छोटे तालाब के संधारण की जिम्मेदारी है, लेकिन जब से अथॉरिटी का गठन हुआ है, तब से इस दिशा में कार्य नहीं किए गए। गौरतलब है कि अथॉरिटी को हर महीने तालाब के पानी का सैंपल लेकर रिपोर्ट वेबसाइट पर अपडेट करना है, ताकि तालाब को बचाने के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।
गा द जमने से बड़े तालाब की गहराई 3.16 से 11.64 मीटर तक रह गई है। पानी की शुद्धता का स्तर बढ़ाने के लिए इसकी गहराई अधिक करने की जरूरत है। इसके अलावा कैचमेंट में पेड़ों की लगातार कम हो रही संख्या को देखते हुए यहां वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाना था। नगर निगम और जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसी तरह एप्को के पास वेटलैंड अथॉरिटी के तहत बड़े और छोटे तालाब के संधारण की जिम्मेदारी है, लेकिन जब से अथॉरिटी का गठन हुआ है, तब से इस दिशा में कार्य नहीं किए गए। गौरतलब है कि अथॉरिटी को हर महीने तालाब के पानी का सैंपल लेकर रिपोर्ट वेबसाइट पर अपडेट करना है, ताकि तालाब को बचाने के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।
किसानों को समझाएंगे
कैचमेंट एरिया में हो रही खेती में रसायनों का इस्तेमाल रोकने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं। वे किसानों को समझाइश देकर जैविक खेती की और प्रेरित करेंगे।
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर
जलीय जीवों को खतरा
पानी की गुणवत्ता बनाए रखने कैचमेंट के खेतों में रसायनों का उपयोग रोकना होगा। कैचमेंट को स्पंज जैसा बनाना होगा ताकि जलीय जीव बचे रहें। रसायनों से जलीय जीवों को भी खतरा होता है।
सुभाष सी. पांडे, पर्यावरणविद्
कैचमेंट एरिया में हो रही खेती में रसायनों का इस्तेमाल रोकने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं। वे किसानों को समझाइश देकर जैविक खेती की और प्रेरित करेंगे।
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर
जलीय जीवों को खतरा
पानी की गुणवत्ता बनाए रखने कैचमेंट के खेतों में रसायनों का उपयोग रोकना होगा। कैचमेंट को स्पंज जैसा बनाना होगा ताकि जलीय जीव बचे रहें। रसायनों से जलीय जीवों को भी खतरा होता है।
सुभाष सी. पांडे, पर्यावरणविद्