प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से संकट के समय किसानों को सरकार का साथ चाहिए, इसी को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। प्रदेश के 22 जिलों में 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा का नुकसान ओलावृष्टि से हुआ है। अब प्रदेश में धान की खरीदी 20 जनवरी तक की जाएगी।
ओलावृष्टि से नुकसान को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं
प्रदेश में ओलावृष्टि से जिन किसानों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है उन्हें 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर राहत राशि दी जाएगी। वही फसल बीमा के तहत नुकसान की 25 प्रतिशत राशि अभी और 75 प्रतिशत राशि बाद में मिलेगी। ओलावृष्टि से फसल के नुकसान की वीडियोग्राफी के साथ सर्वे कराई जा रही है और सर्वे सूची की एक कॉपी पंचायत में चिपकाई जाएगी।
प्रदेश में जहां भी ओलावृष्टि से किसानों के पशुओं की मृत्यु हुई है उन्हें गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रु, बैल-भैंसा की मृत्यु पर 25 हजार रु, और बछड़ा-बछड़ी की मृत्यु पर 16 हजार रु. तथा भेड़-बकरी की मृत्यु पर 3 हजार रु राहत राशि देने का प्रवधान किया गया है। और सरकार ने तय किया है कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की बेटी का विवाह भी राज्य सरकार ही करवाएगी।
रिकॉर्ड धान की खरीदी
मध्य प्रदेश में इस साल धान की खरीदी में रिकॉर्ड कायम हुआ है। प्रदेश में 13 जनवरी तक 37.37 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। खरीफ मार्केटिंग सीजन में 2020-21 में 37.27 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। वही साल 2019-20 में 25.97 लाख टन की ही खरीद की गई थी। फिलहाल प्रदेश में धान की खरीदी जारी है जिससे माना जा रहा है कि 2022 में धान खरीदी में नया कीर्तिमान बनेगा।