विद्युत नियामक आयोग में याचिकाएं दायर करने के बाद पता चला कि इसमें तकनीकी खामी थी, इसलिए बिजली कंपनियों को आयोग के आदेश पर फिर से टैरिफ याचिका दायर करनी पड़ेगी। राहत कि बात यह है कि फिलहाल मध्य प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे।
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प्रदेश की बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर 30 नवंबर 2021 में टैरिफ याचिका दायर की थी। और उसी साल दिसंबर 2021 में टैरिफ याचिका का अधिनियम प्रकाशित किया गया जो नियमों के विरुद्ध है, बाद में पता चला कि कंपनियों की टैरिफ याचिका में तकनीकी खामियां थी। इसलिए याचिकाओं को बापस लेकर इस मामले को टाल दिया गय़ा है। आयोग ने बिजली कंपनियों को याचिकाओं अब नई टैरिफ याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं। इसलिए अब तीनों कम्पनियां को दोबारा से नई याचिका दायर करनी होगी।
बिजली कंपनियों ने याचिका में कहा था कि साल 2022-23 के लिए बिजली दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए। मध्य प्रदेश की पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि साल 2022-23 के लिए करीब 48 हजार 874 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी और बिजली कंपनियों को करीब 3 हजार 915 करोड़ रुपए का घाटा होगा। इसलिए मध्य प्रदेश में बिजली की वर्तमान बिजली दरों को बढ़ाया जाना चाहिए।