नेता प्रतिपक्ष के इस पोस्ट के बाद मध्यप्रदेश में अब लड़ाई बीजेपी वर्सेज आईएएस अधिकारी हो गया है। थप्पड़ से शुरू हुई यह लड़ाई अब चरित्र वार में प्रवेश कर गई है। गुना कलेक्टर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए नेताओं के चरित्र का चित्रन किया तो बीजेपी ने अब अधिकारियों के कैरेक्टर पर आ गई। गोपाल भार्गव ने दावा कर दिया है कि उनके परिचित के पास आठ आईएएस अधिकारियों के अप्सराओं के साथ वीडियो हैं।
डकैत और घपलेबाज कहा
दरअसल, राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता पर पूर्व मंत्री बद्रीलाल यादव ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उसके बाद गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकर ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि हो यह गया है कि जिसका जो मन आता है, आप पर (आप यानी अफसर कलेक्टर या एसपी ही नहीं बल्कि छोटे साधारण कर्मचारी सब शामिल हैं इसमें) आरोप लगा के हें हें ठें ठें करता निकल जाता है। आप कुढ़ते, उबलते रह जाते हैं, वे सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर अपमानित करके निकल जाते हैं। वे उन लोगों के पक्ष में सीना ठोक के झूठ बोलते हैं और आपको कोसते हैं, जिसकी दिन दहाड़े की डकैती और घपलेबाजियां सारा शहर जानता है।
दरअसल, राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता पर पूर्व मंत्री बद्रीलाल यादव ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उसके बाद गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकर ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि हो यह गया है कि जिसका जो मन आता है, आप पर (आप यानी अफसर कलेक्टर या एसपी ही नहीं बल्कि छोटे साधारण कर्मचारी सब शामिल हैं इसमें) आरोप लगा के हें हें ठें ठें करता निकल जाता है। आप कुढ़ते, उबलते रह जाते हैं, वे सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर अपमानित करके निकल जाते हैं। वे उन लोगों के पक्ष में सीना ठोक के झूठ बोलते हैं और आपको कोसते हैं, जिसकी दिन दहाड़े की डकैती और घपलेबाजियां सारा शहर जानता है।
इसी पोस्ट पर भड़के भार्गव
गुना कलेक्टर के इसी पोस्ट पर गोपाल भार्गव भड़क गए और लंबी-चौड़ी पोस्ट लिख अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। आईएएस अधिकारियों की टिप्पणी पर गोपाल भार्गव ने उनके कैरेक्टर पर वार किया। गोपाल ने पोस्ट में आईएएस अधिकारियों की तुलना कथित देव पुरुष से की। उसके बाद लिखा कि यही कथित देवपुरुष जनता की गाढ़ी कमाई को लूट कर अप्सराओं के साथ मधुपान करते हैं और फिर ट्रैप में फंसते हैं तब जाकर एक वीडियो के बदले एक करोड़ रुपए तक देते हैं। यह पैसा कहां से आता है ? ऐसे लगभग ऐसे 8 देवपुरुषों के वीडियो मेरे एक परिचित के पास हैं। मैं चाहता तो सब खुलासा करता लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि यह गंदगी फैले और मेरा मध्यप्रदेश पूरे देश और दुनियां में कुकर्मी प्रदेश के रूप में जाना जाए। इस कारण मैं अभी तक चुप रहा।
गुना कलेक्टर के इसी पोस्ट पर गोपाल भार्गव भड़क गए और लंबी-चौड़ी पोस्ट लिख अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। आईएएस अधिकारियों की टिप्पणी पर गोपाल भार्गव ने उनके कैरेक्टर पर वार किया। गोपाल ने पोस्ट में आईएएस अधिकारियों की तुलना कथित देव पुरुष से की। उसके बाद लिखा कि यही कथित देवपुरुष जनता की गाढ़ी कमाई को लूट कर अप्सराओं के साथ मधुपान करते हैं और फिर ट्रैप में फंसते हैं तब जाकर एक वीडियो के बदले एक करोड़ रुपए तक देते हैं। यह पैसा कहां से आता है ? ऐसे लगभग ऐसे 8 देवपुरुषों के वीडियो मेरे एक परिचित के पास हैं। मैं चाहता तो सब खुलासा करता लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि यह गंदगी फैले और मेरा मध्यप्रदेश पूरे देश और दुनियां में कुकर्मी प्रदेश के रूप में जाना जाए। इस कारण मैं अभी तक चुप रहा।
पुराने किस्से का भी किया जिक्र
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपनी पोस्ट में एक पुराने किस्से का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि उनकी नजर में सभी राजनीतिक व्यक्ति डाकू है और वह स्वयं में देव पुरुष हैं। रेत खदानों, शराब दुकानों, परिवहन नाकों जैसे अनेक ईश्वर प्रदत्त कमाई के जरियों से इसी राज्य में इसी वर्ग के दंपत्ति के पास अरबों रुपयों की संपत्ति बरामद हुई थी। वह तो एक छोटा सा उदाहरण मात्र है, लेकिन नेता तो डाकू है और आप देवपुरुष हैं।
क्या है एक करोड़ वाला मामला
दरअसल, गोपाल भार्गव ने अपनी पोस्ट में जिस एक करोड़ का जिक्र किया है, वह हनीट्रैप केस से जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश में हनीट्रैप मामले में पुलिस ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में इस बात का जिक्र था कि हनीट्रैप की आरोपियों ने एक आईएएस अधिकारियों के वीडियो बनाए। उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया। बदले में उस आईएएस अधिकारी ने एक करोड़ रुपये दिए। जिसका बंटवारा हनीट्रैप में शामिल आरती दयाल, श्वेता विजय जैन और एक पत्रकार के बीच में हुआ।
दरअसल, गोपाल भार्गव ने अपनी पोस्ट में जिस एक करोड़ का जिक्र किया है, वह हनीट्रैप केस से जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश में हनीट्रैप मामले में पुलिस ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में इस बात का जिक्र था कि हनीट्रैप की आरोपियों ने एक आईएएस अधिकारियों के वीडियो बनाए। उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया। बदले में उस आईएएस अधिकारी ने एक करोड़ रुपये दिए। जिसका बंटवारा हनीट्रैप में शामिल आरती दयाल, श्वेता विजय जैन और एक पत्रकार के बीच में हुआ।