आर्कियोलाजी सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मोहम्मद सोमवार को भोपाल आए थे। इस मौके पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचे की जगह पर श्रीराम मंदिर बनाने के लिए मुसलमान तैयार हो गए थे। मंदिर के नीचे खुदाई में मिले साक्ष्यों के बाद अधिकांश मामले से जुड़े अधिकांश मुसलमान नेता विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए सहमत हो गए थे। इसी बीच कुछ वामपंथी नेताओं और इतिहासकारों ने आगे आकर उन्हें भड़का दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले में विशेषकर प्रो. इरफान हबीब ने मुसलमानों को बहुत मिस गाइड किया।
केके मोहम्मद ने यह भी कहा वे शहरों के नाम बदलने के पक्षधर नहीं हैं। ज्ञातव्य है कि केके मोहम्मद सबसे पहले सन 1976-77 में राम मंदिर की खोज और खुदाई के लिए गए थे। वे विवादित बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेषों का पता लगाने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके बाद उन्होंने खुलासा किया कि कैसे विवादित ढांच में मंदिर के खंभों पर मस्जिद बनाई गई थी। उनके शोध और जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था।