
27 months arrears
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों, अधिकारियों को महंगाई भत्ता यानि डीए बढ़ाकर उनका एरियर्स देने की राज्य सरकार की घोषणाओं पर अमल नहीं हो पा रहा है। सेवानिवृत्त अधिकारियों, कर्मचारियों की हालत तो और खराब है। उनकी महंगाई राहत यानि डीआर में बढ़ोत्तरी तो कर दी जाती है लेकिन एरियर्स में प्राय: नुकसान उठाना पड़ता है। हाल ही में राज्य सरकार ने पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी लेकिन 9 माह का एरियर नहीं दिया गया। और तो और, पेंशनर्स को तो सालों से अपने 32 माह और 27 माह के एरियर का भी इंतजार है। अर्से से लंबित इन एरियर्स के लिए पेंशनर्स अब आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
पेंशनर्स को सातवें वेतनमान का 27 महीने का एरियर राज्य शासन ने अब तक नहीं दिया है। इससे पहले छठवें वेतनमान का 32 महीने का एरियर तो हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी दबाकर रखा गया है। इस संबंध में अब पेंशनर्स निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में हैं।
प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अधिवेशन में यह मामला जोरशोर से उठाया गया। पुन: अध्यक्ष बने श्याम जोशी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पेंशनर्स के साथ बहुत अन्याय कर रही है। छतरपुर में आयोजित अधिवेशन में प्रदेशभर के 49 जिलों के संभागीय, जिला स्तरीय, तहसील स्तरीय और विकासखंड स्तरीय प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
अधिवेशन में पेंशनर्स ने केंद्रीय तिथि से महंगाई राहत नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। पेंशनर्स ने कहा कि 8—9 माह बाद राहत देकर सरकार एरियर बचा रही है। इतना ही नहीं, पिछ्ले 32 माह एवं 27 माह का एरियर्स तो अभी तक नहीं दिया है। इनके लिए अधिवेशन में अगले विधानसभा सत्र के दौरान भोपाल में राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
पेंशनर्स ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश पुनर्गठन की धारा 49 (6) के नाम पर सरकार पेंशनर्स को धोखा दे रही है। राज्य सरकार पेंशनर्स की महंगाई राहत स्वीकृत कराने छत्तीसगढ़ से सहमति लेती है, जबकि इसकी जरूरत ही नहीं है।
Published on:
08 Nov 2024 09:47 pm
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