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MP में यूरिया पर राजनीति! शिवराज ने ऐसे दिया कमलनाथ के आरोपों का जवाब

locationभोपालPublished: Dec 23, 2018 01:52:21 pm

रबी सीजन में प्रदेश के किसानों के सामने यूरिया का संकट…

MP urea politics

MP में यूरिया पर राजनीति! शिवराज ने ऐसे दिया कमलनाथ के आरोपों का जवाब

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बावजूद अब तक पार्टियों में राजनैतिक द्वंद जारी है। ऐसे में अभी भी आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी रहने से प्रदेश में राजनैतिक जवर कम होता नहीं दिख रहा है।

दरअसल मध्य प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर कमलनाथ के दावे पर अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा वयान सामने आया है।
जिसमें शिवराज ने कमलनाथ को जवाब देते हुए कहा है कि प्रदेश में अब कांग्रेस सत्ता में है, उन्हें निराधार आरोप लगाने से बचना चाहिए और कुशलतापूर्वक चलाना चाहिए।

दरअसल, इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर केंद्र सरकार को फोन करके जल्द से जल्द यूरिया मुहैया कराने की बात कही थी।

चार लाख मीट्रिक टन मुहैया कराई यूरिया : शिवराज
इस पर शिवराज ने कहा कि प्रदेश को 15 दिसंबर से पहले ही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया मुहैया कराई जा चुकी है, लिहाजा इसे किसानों के बीच सही तरीके से बांटना चाहिए।

यूरिया को लेकर मारामारी…
वहीं इससे पहले रबी सीजन में प्रदेश के किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया। पिछले दिनों प्रदेश में अलग-अलग जगह विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन में आए।
उन्होंने रेलवे रैक और खाद के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात की। मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भेजा। वहीं सरकार के आदेश पर अशोकनगर में मंडी की निजी दुकानों से खाद लेकर नाराज किसानों को सरकारी रेट पर बंटवाई गई।

हालत बिगड़ती देख वहां आनन-फानन में 800 टन यूरिया भिजवाया गया। इसे सोमवार को बंटवाने की तैयारी है। आखिर चुनावों के ठीक बाद प्रदेश में यूरिया की इतनी किल्लत कैसे हो गई? इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि मप्र के हिस्से का यूरिया राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भिजवा दिया गया। दिसंबर के महीने में 4 लाख टन यूरिया की मप्र को डिमांड थी, लेकिन सिर्फ सवा लाख टन ही भेजा गया।

स्थिति बिगड़ी तो राज्य सरकार ने अब जल्दबाजी में मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भेजा। शुक्रवार को कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा ने खाद निर्माता कंपनियों को मंत्रालय बुलाकर बैठक की।

साथ ही कहा कि तय प्रावधान के मुताबिक आपूर्ति की जाए। उम्मीद की जा रही है कि सड़क मार्ग और रेलवे रैक से जल्द ही मप्र को खाद मिलना शुरू हो जाएगी।
ये रही स्थिति : रायसेन में किसानोें ने प्रदर्शन, चक्काजाम किया। यहां आज से यूरिया वितरण होगा। गुना में पिछले दिनों 10 ट्रक यूरिया आया था, पर खत्म हो गया तो प्रदर्शन हुआ। विदिशा में 5000 मीट्रिक टन खाद मंगलवार को बंटेगी। वहीं सागर, होशंगाबाद और जबलपुर आदि जिलों में भी यूरिया को लेकर दिक्कत आ रही है।
किसान नाराज…
प्रदेश में कई जगहों पर यूरिया की मांग पूरी नहीं होने पर किसानों का आक्रोश बढ़ गया। किसानों ने रायसेन में नेशनल हाइवे-12 जाम कर दिया। यहां बीते तीन दिन से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। प्रदेश में करीब 20 जिलों में यही हालात है।

सहकारी समितियों के बाद अब बाजार से गायब होते यूरिया की कालाबाजारी की खबरें आईं। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रेलवे रैक और खाद के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात की और मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भी भेजा। साथ ही सरकार ने फौरी राहत के लिए अशोकनगर में मंडी की निजी दुकानों से खाद लेकर नाराज किसानों को सरकारी रेट पर बंटवाई।
बात दें किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने खाद निर्माता कंपनियों के साथ एक बैठक भी की जिसके बाद कंपनियों ने भरोसा दिलाया है कि रविवार से पूरा यूरिया मध्यप्रदेश और राजस्थान को सप्लाई होगा।
गौरतलब है कि हाल ही में ये बात निकलकर सामने आयी थी कि मध्यप्रदेश के हिस्से का यूरिया राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भिजवा दिया गया। एक आंकड़े के अनुसार मध्यप्रदेश में कुल तीन लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है। बताया जा रहा है कि इस महीने यहां केवल एक लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुई है।

सरकार ने किया खंडन…
गौरतलब है कि सामने आ रही सूचनाओं में यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश यूरिया की कमी से जूझ रहा है, जिस कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को फोन किया था।
हालांकि देश में यूरिया खाद की कमी होने की खबर का केंद्र सरकार ने खंडन किया। शुक्रवार को नई दिल्ली में रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि उनका मंत्रालय राज्‍य के मुख्‍य सचिवों से प्रतिदिन संपर्क में है और कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है।
वहीं गौड़ा ने आगे कहा कि यह संकट राज्‍यों की वितरण प्रणाली से जुड़ा हुआ है और यह केवल केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश है।

ये भी बोले मोदी के मंत्री…
केन्द्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि देश में यूरिया आपूर्ति आरामदायक स्थिति है तथा कांग्रेस शासित राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों को उनकी मांग की तुलना में अधिक उर्वरक उपलब्ध कराया गया है।
मंत्री ने कुछ राज्यों पर यूरिया आपूर्ति को ‘राजनीतिक मुद्दा’ बनाने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि अगर उर्वरक की कोई कमी है, तो ऐसा उनकी वितरण अक्षमता के कारण है।

यूरिया पर टकराव…
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कुल तीन लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस महीने यहां केवल एक लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुई है। ऐसे में प्रदेश में हर रोज तकरीबन आठ रैक यूरिया की जरूरत होती है।
इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की वजह से खाद की सप्लाई में फर्क देखा जा रहा है। उधर, केंद्र ने भी स्पष्ट कर दिया है कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है, यह समस्या राज्य स्तर पर सप्लाई की हो सकती है।
वहीं, शिवराज ने कमलनाथ के दावे के उलट बोलते हुए कह दिया कि राज्य में पहले से ही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
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