दरअसल मध्य प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर कमलनाथ के दावे पर अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा वयान सामने आया है।
जिसमें शिवराज ने कमलनाथ को जवाब देते हुए कहा है कि प्रदेश में अब कांग्रेस सत्ता में है, उन्हें निराधार आरोप लगाने से बचना चाहिए और कुशलतापूर्वक चलाना चाहिए।
दरअसल, इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर केंद्र सरकार को फोन करके जल्द से जल्द यूरिया मुहैया कराने की बात कही थी।
चार लाख मीट्रिक टन मुहैया कराई यूरिया : शिवराज
इस पर शिवराज ने कहा कि प्रदेश को 15 दिसंबर से पहले ही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया मुहैया कराई जा चुकी है, लिहाजा इसे किसानों के बीच सही तरीके से बांटना चाहिए।
वहीं इससे पहले रबी सीजन में प्रदेश के किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया। पिछले दिनों प्रदेश में अलग-अलग जगह विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन में आए।
हालत बिगड़ती देख वहां आनन-फानन में 800 टन यूरिया भिजवाया गया। इसे सोमवार को बंटवाने की तैयारी है। आखिर चुनावों के ठीक बाद प्रदेश में यूरिया की इतनी किल्लत कैसे हो गई? इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि मप्र के हिस्से का यूरिया राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भिजवा दिया गया। दिसंबर के महीने में 4 लाख टन यूरिया की मप्र को डिमांड थी, लेकिन सिर्फ सवा लाख टन ही भेजा गया।
स्थिति बिगड़ी तो राज्य सरकार ने अब जल्दबाजी में मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भेजा। शुक्रवार को कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा ने खाद निर्माता कंपनियों को मंत्रालय बुलाकर बैठक की। साथ ही कहा कि तय प्रावधान के मुताबिक आपूर्ति की जाए। उम्मीद की जा रही है कि सड़क मार्ग और रेलवे रैक से जल्द ही मप्र को खाद मिलना शुरू हो जाएगी।
प्रदेश में कई जगहों पर यूरिया की मांग पूरी नहीं होने पर किसानों का आक्रोश बढ़ गया। किसानों ने रायसेन में नेशनल हाइवे-12 जाम कर दिया। यहां बीते तीन दिन से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। प्रदेश में करीब 20 जिलों में यही हालात है।
सहकारी समितियों के बाद अब बाजार से गायब होते यूरिया की कालाबाजारी की खबरें आईं। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रेलवे रैक और खाद के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात की और मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भी भेजा। साथ ही सरकार ने फौरी राहत के लिए अशोकनगर में मंडी की निजी दुकानों से खाद लेकर नाराज किसानों को सरकारी रेट पर बंटवाई।
सरकार ने किया खंडन…
गौरतलब है कि सामने आ रही सूचनाओं में यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश यूरिया की कमी से जूझ रहा है, जिस कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को फोन किया था।
केन्द्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि देश में यूरिया आपूर्ति आरामदायक स्थिति है तथा कांग्रेस शासित राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों को उनकी मांग की तुलना में अधिक उर्वरक उपलब्ध कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कुल तीन लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस महीने यहां केवल एक लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुई है। ऐसे में प्रदेश में हर रोज तकरीबन आठ रैक यूरिया की जरूरत होती है।