विधेयक के मुख्य प्रावधान
— इस विधेयक के अनुसार ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो सांप्रदायिक दंगों, हडताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई है. इनमें केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं, कंपनियों आदि की संपत्ति नुकसानी भी शामिल है।
— राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए दावा अधिकरण का गठन अधिसूचित कर सकेगी जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें।
— राज्य सरकार द्वारा निवृत जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत सचिव को दावा अधिकरण में नियुक्त किया जा सकेगा।
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— सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा तथा निजी संपत्ति की नुकसानी पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता आयोग के समक्ष 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे।
— अधिकरण में ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त किया जा सकेगा जो उसे नुकसानी के संबंध में जांच में मददगार हो सके।
— दावा अधिकरण द्वारा अवार्ड पारित कर नुकसानी की वसूली संपत्ति को नुकसान करनेवाले व्यक्ति के साथ ही ऐसे नुकसान पहुंचानेवाले काम को उकसानेवाले अथवा उत्प्रेरित करने वाले व्यक्तियों से भी किया जा सकेगा। मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे, साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिवस में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को अधिकरण में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश देने के भी अधिकार होंगे।
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