नए आवेदन में बदल ली जन्मतिथि व जन्म स्थान
दरअसल, जबलपुर निवासी 18 वर्षीय आवेदक ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। चूंकि उस वक्त आवदेक की उम्र 18 वर्ष से कम थी लिहाजा उसे माइनर कैटेगरी में पासपोर्ट जारी किया गया। इस पासपोर्ट की वैधता पांच साल होती है। आवेदक ने पासपोर्ट आवेदन के वक्त अपना जन्म प्रमाण पत्र लगाया जिस पर उसकी जन्म तिथि 10 अक्टूबर 2001 थी, जिस आधार पर उसके पासपोर्ट पर भी यही जन्मतिथि प्रिंट हुई। उसका जन्म स्थान जबलपुर बताया गया था। वैधता खत्म होने पर आवेदक ने वर्ष 2019 में दोबारा आवेदन किया। लेकिन इस बार उसने अपनी जन्मतिथि 10 अक्टूबर 2002 बताई और इस जन्म तिथि का दस्तावेज भी प्रस्तुत किया, इस दस्तावेज पर उसका जन्म स्थान भिंड लिखा हुआ था। चूंकि पुराने पासपोर्ट पर जन्मतिथि 2001 और जन्म स्थान जबलपुर था लिहाजा पासपोर्ट की फाइल अटक गई।
हर बार नई जन्मतिथि के साथ नहीं जारी हो सकता पासपोर्ट
यह मामला क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल के पास पहुंचा। जहां आवेदक के परिजनों ने बताया कि पुराना जन्म प्रमाण पत्र गलत था, इसलिए नया बनवाया है। परिजनों ने आधार व अन्य दस्तावेज भी इसी जन्मतिथि के पेश किए। वहीं पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि चूंकि पुराने पासपोर्ट पर अलग जन्मतिथि व जन्म स्थान है इसलिए री-इश्यू पासपोर्ट पर बदलाव संभव नहीं है। अब यह मामला पॉलिसी सेक्शन में है, वहीं आवेदक के परिजन पासपोर्ट विभाग के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी में हैं।