बेटियों को बताया वाइल्ड लाइफ के बारे में
एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप 'प्रयत्न' के फाउंडर सेक्रेटरी अजय दुबे ने अपने दफ्तर से लेकर फील्ड तक अपने दोनों बेटियों को पर्यावरण, फारेस्ट, वाइल्ड लाइफ के बारे में बताया। बड़ी बेटी आर्याहि दुबे (10 साल) और छोटी बेटी गौरांगी दुबे (6 साल) ने उत्सुकता से पापा का कामकाज देखा और समझा। दोनों ही बेटियां कार्मल कान्वेट स्कूल की छात्रा हैं।
दवाओं के बारे में बिटिया ने जाना
शहर के फार्मासिस्ट नीरज मौर्य जनऔषधी का काम करते हैं। नीरज ने अपनी 7वीं में पढ़ने वाली बेटी दिशा मौर्य को मेडिसिन के बारे में विस्तार से बताया। जवाहरलाल नेहरू स्कूल की छात्रा दिशा ने समझा कि कैसे दवाओं को रखा जाता है। इस काम में कितनी सावधानी रखी जाती है।
बिटिया को पापा ने समझाया इन्वेस्टमेंट का काम
कमला एंटरप्राइजेज रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के दफ्तर में पिता की कुर्सी पर बैठकर आश्मिका शुक्ला बेहद खुश हुई। चौथी क्लास में पढ़ने वाली बेटी ने पिता सुनील शुक्ला के व्यवसाय को समझा। उ्होंने समझता कि कैसे रियल इन्वेस्टमेंट में काम करते हैं।
राजस्व अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और बैरागढ़ तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल। कार्यालय में अपनी बेटी डॉ. सोनम बघेल के साथ। बेटी ने पापा के कामकाज को समझा।
सीएमएचओ कार्यालय में पहुंची बेटी
सीएमएचओ कार्यालय में सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी के साथ बैठकर बेटी प्रशस्ति तिवारी ने कामकाज समझा। बेटी ने इस मौके पर कहा कि पापा कितना काम करते हैं, यह मुझे उनके साथ ऑफिस में समय बिताने पर समझ आया। मुझे अपने पिता पर गर्व महसूस हो रहा है।
कंप्यूटर और हार्टवेयर के बारे में समझा
सेंट जेवियर सीनियर सेकंडरी को-एड स्कूल में 10वीं की छात्रा करिष्मा सिंह ने अपने इंजीनियर पिता शशि भूषण के दफ्तर पहुंचकर कंप्यूटर हार्टवेयर के बारे में जानकारी हासिल की। एमपी नगर स्थित आफिस में पिता ने अपनी बेटी करिष्मा को बताया कि कैसे किसी कंप्यूटर को असेंबल किया जाता है और कैसे सुधारा जाता है। इस पर बेटी ने कहा कि मेरे पापा बहुत मेहनत करते हैं।
फर्नीचर निर्माण की तकनीक समझी
वीनू पैटर्नस फर्नीचर इंडस्ट्री के मैनेजर सतीश शर्मा ने भी पत्रिका के बिटिया एट वर्क में हिस्सा लिया। गोविंदपुरा में कॉर्मल कांवेंट की उर्वी शर्मा को उद्योग के बारे में जानकारी दी। उर्वी को उन्होंने फर्नीचर की प्लानिंग, डिजाइन और फर्नीचर निर्माण की तकनीक से अवगत कराया। बेटी ने कहा कि आसान सा दिखने वाला फर्नीचर बेहद मुश्किल और मेहनत से बनता है।
इंटरेस्टिंग है पापा का जॉब
एक्वेरियस प्रमोशन्स प्रा. लि. के कमलेश विश्वकर्मा ने भी अपनी बेटी मान्या विश्वकर्मा को अपने कामों से अवगत कराया। 9वीं क्लास में पढ़ने वाली मान्या ने अपने पापा के आफिस जाकर क्रिएटिव वर्क, डिजाइनिंग, आडियो-वीडियो, शॉर्ट फिल्म मेकिंग, एड रिलीजिंग और डिजाइनिंग साफ्टवेयर की जानकारी ली। मान्या ने बोली मेरे पापा का काम बहुत इंटरेस्टिंग है।
पापा के बिजनेस में हाथ बंटाया
अपने बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाना चाहिए यह मिष्ठी अग्रवाल ने जाना। पिता अखिल अग्रवाल की पांचवी क्लास में पढ़ने वाली बेटी ने पापा के दफ्तर जाकर काउंटिंग और बिल के बारे में जानकारी ली और बिल भी बनाया।
शहर के व्यापारी संजय पवैया बेटी देवांशी पवैया के साथ अपने व्यापार की जानकारी देते हुए। बेटी ने जाना कि व्यापार में टेक्नालाजी का भी उपयोग जरूरी हो गया है।
मम्मी के आफिस पहुंची नन्हीं बेटी
स्कूल में पढ़ने वाली नन्ही बेटी वैष्णवी महस्के ने भी अपनी मम्मी के दफ्तर जाकर कामकाज देखा। मम्मी दिनभर कैसे कंप्यूटर पर काम करती है। मां आरती महस्के ने बेटी को विस्तार से अपने कामकाज के बारे में बताया और अपने आफिस के अन्य साथियों से भी परिचय कराया। बेटी ने भी उत्साह से अपनी मम्मी के दफ्तर में काफी समय बिताया।
बेटी ने जाना लाइट कैमरा और एक्शन
बिटिया एट वर्क में शहर की न्यूज एंकर कंचन उपाध्याय की बेटी भी शामिल हुई। बेटी अपने पापा शुभम उपाध्याय के साथ मम्मी के दफ्तर पहुंची थी। बेटी ने मम्मी के स्टूडियो में बैठकर देखा और न्यूज पढ़ने की कोशिश की। बेटी ने जाना कि मम्मी कैसे कैमरे के फेस करती हैं।
Manish Gite