दरअसल, बीजेपी को दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने क्रॉस वोटिंग की थी। नारायण त्रिपाठी कांग्रेस से ही बीजेपी में आए थे। वहीं, शरद कौल के पिता भी कांग्रेस के सचिव हैं। ऐसे में पार्टी को लगता है कि वैसे बैकग्राउंड वाले नेता ज्यादा डोल सकते हैं। ऐसे में पार्टी की नई नीति के तहत विधायकों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। पार्टी आलाकमान की तरफ से शिवराज सिंह चौहान , राकेश सिंह और नरोत्तम मिश्रा बुलाया गया है।
इन विधायकों पर नजर
बीजेपी मध्यप्रदेश में गच्चा देने वाले दोनों विधायकों के बाद विजयपुर विधायक सीताराम, सीहोर विधायक सुदेश राय, विजय राघवगढ़ से संजय पाठक, मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल और चंदला विधायक राजेश प्रजापति पर विशेष नजर है। क्योंकि इन विधायकों का पूर्व में कांग्रेस से जुड़ाव रहा है। हालांकि सीहोर विधायक सुदेश राय ने मीडिया में चल रही खबरों पर सफाई देते हुए कहा है कि कांग्रेस की तरफ से मुझे कोई फोन नहीं आया है।
बीजेपी मध्यप्रदेश में गच्चा देने वाले दोनों विधायकों के बाद विजयपुर विधायक सीताराम, सीहोर विधायक सुदेश राय, विजय राघवगढ़ से संजय पाठक, मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल और चंदला विधायक राजेश प्रजापति पर विशेष नजर है। क्योंकि इन विधायकों का पूर्व में कांग्रेस से जुड़ाव रहा है। हालांकि सीहोर विधायक सुदेश राय ने मीडिया में चल रही खबरों पर सफाई देते हुए कहा है कि कांग्रेस की तरफ से मुझे कोई फोन नहीं आया है।
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गुरुवार को खबर आई कि मंत्रालय में विजय राघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक सीएम कमलनाथ से मिलने गए थे। उसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैं मंत्रालय गया था। मैं क्षेत्र की काम के लिए गया था। सभी विधायकों को मंत्रालय जाना चाहिए। मैंने सीएम कमलनाथ से बल्लभ भवन में कोई मुलाकात नहीं की है। सिर्फ अधिकारियों से मुलाकात की है। मैं बीजेपी के साथ ही हूं और पूरी तरह से संतुष्ट भी हूं।
गुरुवार को खबर आई कि मंत्रालय में विजय राघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक सीएम कमलनाथ से मिलने गए थे। उसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैं मंत्रालय गया था। मैं क्षेत्र की काम के लिए गया था। सभी विधायकों को मंत्रालय जाना चाहिए। मैंने सीएम कमलनाथ से बल्लभ भवन में कोई मुलाकात नहीं की है। सिर्फ अधिकारियों से मुलाकात की है। मैं बीजेपी के साथ ही हूं और पूरी तरह से संतुष्ट भी हूं।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी और उनकी सीटों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। लेकिन नैतिकता का तकाजा था, इसलिए मैंने कहा कि हमसे ज्यादा सीट कांग्रेस के पास है तो हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे। इसलिए हमने दावा पेश नहीं किया। मध्यप्रदेश में हमलोगों ने कांग्रेस को सरकार बनाने दी। घबराई कांग्रेस ने मध्यप्रदेश गंदगी फैलाने की शुरुआत की है, वो अब सफल नहीं होगी। शुरुआत उन्होंने की है और समापन हम करेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी और उनकी सीटों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। लेकिन नैतिकता का तकाजा था, इसलिए मैंने कहा कि हमसे ज्यादा सीट कांग्रेस के पास है तो हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे। इसलिए हमने दावा पेश नहीं किया। मध्यप्रदेश में हमलोगों ने कांग्रेस को सरकार बनाने दी। घबराई कांग्रेस ने मध्यप्रदेश गंदगी फैलाने की शुरुआत की है, वो अब सफल नहीं होगी। शुरुआत उन्होंने की है और समापन हम करेंगे।
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वहीं, बीजेपी कमलनाथ के द्वारा दिए गए झटके के बाद अब अलर्ट हो गई है। पार्टी ने बड़े नेताओं को संभाग वाइज मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी सौंपी है। भूपेंद्र सिंह को सागर संभाग की जिम्मेदारी दी गई है। संभागों में विधायकों पर नजर रखने की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, पारस जैन, राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा, अरविंद भदौरिया, अजय विश्वनोई और गोपाल भार्गव के पास है। साथ ही राकेश सिंह और शिवराज सिंह इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
वहीं, बीजेपी कमलनाथ के द्वारा दिए गए झटके के बाद अब अलर्ट हो गई है। पार्टी ने बड़े नेताओं को संभाग वाइज मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी सौंपी है। भूपेंद्र सिंह को सागर संभाग की जिम्मेदारी दी गई है। संभागों में विधायकों पर नजर रखने की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, पारस जैन, राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा, अरविंद भदौरिया, अजय विश्वनोई और गोपाल भार्गव के पास है। साथ ही राकेश सिंह और शिवराज सिंह इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।