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ये हैं MP में भाजपा का गणित! इस तरह से वापसी का बैठेगा आंकड़ा…

एग्जिट पोल में वापसी के संकेतों के बाद भाजपा का आक्रामक रुख…

भोपालMay 22, 2019 / 04:44 pm

दीपेश तिवारी

MP Sarkar

ये हैं मध्यप्रदेश में भाजपा का गणित, इस तरह से वापसी का बैठेगा आंकड़ा

भोपाल@अरुण तिवारी की रिपोर्ट…

मोदी सरकार की एग्जिट पोल में वापसी के संकेत बाद भाजपा ने एकाएक आक्रामक रुख अपना लिया है। इसी के चलते मध्यप्रदेश में भी सियासी हलचल बढ़ गई है।

ऐसे में भाजपा के मध्यप्रदेश की वापस सत्ता में पुन: काबिज होने की कोशिशों के संकेत मिल रहे है। लेकिन जानकारों की मानें तो बिना कांग्रेस में सेंध लगाए भाजपा के लिए ये मुमकिन नहीं दिख रहा है, क्योेंकि भाजपा लगातार कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में होने की बात कहती रही है।

ये है मामला…
दरअसल इन्हीं सब के बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर तत्काल विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।

भार्गव ने पत्र में तो प्रदेश की समस्याओं को लेकर सत्र बुलाने की बात कही है, लेकिन इसके पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव में हार रही कांग्रेस का विधानसभा में भी फ्लोर टेस्ट जरूरी है।

 

 

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एक ओर जहां इसे भाजपा का उत्साह माना जा रहा है। वहीं जानकार मानते हैं कि भाजपा एक बार फिर केंद्र में आने के बाद मध्यप्रदेश में भी सत्ता में काबिज होना चाहती है। इसी के चलते वह नित नए प्रयासों में जुटी है।

भाजपा नेता लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दावे करते रहे कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के साथ ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर जाएगी। चुनाव के दौरान गुना के बसपा प्रत्याशी को कांग्रेस में शामिल करने से नाराज मायावती ने भी समर्थन वापसी की धमकी दी थी।

 

ऐसे समझें मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार…
दरअसल मध्यप्रदेश में कुल 229 सीटों में से 113 कांग्रेस के पास है। वहीं भाजपा के पास 109 जबकि निर्दलीय 4, बसपा 2 व 1 सपा के पास सीटें हैं।
ऐसे में कांग्रेस को निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे रखा है, जिसके चलते कांग्रेस द्वारा सरकार बनाई गई है। वहीं कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने इस्तीफा दे दिया है, वहीं छिंदवाड़ा से अब कमलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं।

यानि 229 सीटों में जिस भी दल के पास 115 विधायक होते हैं। वहीं सरकार बना लेता है। ऐसे में कांग्रेस के पास अपने 113 विधायकों के अलावा 4 निर्दलीय का समर्थन है। जिससे ये आंकड़ा 117 तक पहुंचता है।


लेकिन खास बात ये हे कि 109 विधायकों के साथ भाजपा भी ज्यादा अंतर पर नहीं होने के चलते बाहरी मदद से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी दिख रही है।

 

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राजनीति के जानकार डीके शर्मा के अनुसार मध्यप्रदेश में भाजपा द्वारा सरकार बनाया जाना इतना भी आसान नहीं है। उनके अनुसार जहां कांग्रेस पर अपने 113 विधायक हैं।

वहीं गुड्डा जायसवाल वारासिवनी विधायक को मंत्री बना कर वे 114 विधायक सीधे तौर पर अपने पक्ष में कर चुकी है। वहीं अन्य का भी कांग्रेस को समर्थन हासिल है।

 

कांग्रेस में ही लगानी होगी सेंध…
शर्मा के अनुसार यदि भाजपा मध्यप्रदेश में सरकार बनाने की सोच रही है तो उसे कांग्रेस में ही सेंध लगानी होगी। तभी वे उस जादुई आंकड़े यानि 115 विधायकों को अपने पक्ष में कर पाएगी।

दरअसल भाजपा पूर्व में भी कहती रही है कि कांग्रेस के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। ऐसे में ये बात काफी हद तक मानी जा सकती है कि यदि भाजपा सरकार बनाती है तो इसकी कीमत कांग्रेस को ही अदा करनी होगी।

लेकिन कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि अन्य विधायकों जैसे निर्दलीय या बसपा आदि के समर्थन से भी भाजपा सरकार को परेशान कर सकती है।

इधर, कांग्रेस बोली: हमारे संपर्क में भाजपा विधायक…
भार्गव के बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि सच यह है कि भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। समय पर वो कांग्रेस के पक्ष में खड़े होंगे।
ये बोले सरकार के मंत्री पीसी शर्मा
वहीं दूसरी ओर आज यानि बुधवार को मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने रायसेन जिले की बरेली तहसील में बड़ा बयान देते हुए कहा कि 5 साल तो छोड़ों, उसके आगे भी 20 साल तक कांग्रेस की सरकार चलेगी।

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