scriptचौथवसूली करने वाले दोनों सफाई कर्मचारी निलम्बित | Two employees suspended | Patrika News

चौथवसूली करने वाले दोनों सफाई कर्मचारी निलम्बित

locationभोपालPublished: Feb 10, 2016 06:56:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

फुटपाथ पर शू-स्टैण्ड बेचने वाले से चौथवसूली करने के आरोप में दो सफाई
कर्मचारियों मुकेश और शांतनु को निलम्बित कर दिया गया है।

फुटपाथ पर शू-स्टैण्ड बेचने वाले से चौथवसूली करने के आरोप में दो सफाई कर्मचारियों मुकेश और शांतनु को निलम्बित कर दिया गया है, जबकि सफाई निरीक्षक राजन बारासा को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

सड़क पर चौथवसूली के मामले को ‘राजस्थान पत्रिका’ की एक्सपोज टीम ने उजागर किया था। पत्रिका के रविवार के अंक में ‘सड़क पर चौथवसूली का पर्दाफाश’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होते ही नगर निगम प्रशासन कटघरे में आ गया।

निगम के कर्मचारियों ने बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए शिकायत करने वाले शू-स्टैण्ड विक्रेता संदीप का सामान जब्त करते हुए बेदखल कर दिया। लेकिन शहर में और किसी भी जगह पर फुटपाथ खाली करवाने की कार्रवाई नहीं की।

पत्रिका टीम ने इस मामले को फिर उठाते हुए मंगलवार के अंक में ‘खबरदार! शिकायत मत करना’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर निगम कार्रवाई की पोल खोली। इसको लेकर निगम के अफसर ही नहीं बोर्ड की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई। इस बीच मंगलवार सुबह निगम का दस्ता फिर केएन कॉलेज के पास फुटपाथ पर सामान रखने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंच गया। जिसका क्षेत्र के लोगों ने विरोध किया।

दस्ते ने पुलिस की मौजूदगी में फुटपाथ कारोबारी के बचे सामान (शू-स्टैंड) और रजाई गद्दों को टै्रक्टर में भरवा दिया। जनता ने इन कर्मचारियों का घेराव कर लिया और निगम की दबंगई के खिलाफ नारे लगाए। वार्ड प्रभारी राजन बारासा के निर्देश पर सफाई कर्मचारी सामान का ट्रेक्टर ले जाने लगे तो व्यवसायी संदीप ट्रेक्टर के आगे लेट गया। मौजूद लोगों ने निगम की कार्रवाई को भेदभाव पूर्ण बताया। लोग ट्रेक्टर के आगे खड़े हो गए। पुलिस ने बमुश्किल भीड़ को हटाया। घटनाक्रम सुबह 7 बजे 10 बजे तक चला।

अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई में निगम को छूटे पसीने
जोधपुर। नगर निगम ने पीडि़त फुटपाथ व्यवसायी के खिलाफ तो तुरंत कार्रवाई करली, लेकिन अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में निगम प्रशासन का पसीना छूट गया। मामला संज्ञान में आने के साथ ही निगम प्रशासन ने अतिक्रमी के खिलाफ तो त्वरित कार्रवाई कर दी। लेकिन दोषी सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कदम उठाने से पहले शिकायत की पुष्टि की। पार्षद से भी जानकारी ली गई। शिकायतकर्ता संदीप के बयान भी लिए गए। महापौर ने भी प्रकरण की सच्चाई जानी और मंगलवार शाम को सफाई जमादार शांतनु व मुकेश को निलम्बित कर दिया तथा वार्ड प्रभारी राजन बारासा को नोटिस से जवाब तलब किया। सड़क पर एकत्र हुए निगम को कोसते नजर आए, लेकिन निगम के आला अधिकारी और महापौर ने मौके पर जाने तक की जहमत तक नहीं दिखाई। आखिर में पुलिस को गोली देकर निगम कर्मचारी गलत साइड से ट्रेक्टर भगा कर ले गए। पीछे-पीछे पुलिस की जीप भी गलत साइड से निकल गई।

गंभीर आरोपों की जांच हो
फुटपाथ पर कारोबार करने वाले संदीप ने निगम में अपने बयान में वार्ड 43 के सफाई निरीक्षक पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि वार्ड के उप कार्यालय से हर बार दो सफाई कर्मचारी आकर उससे बड़े साब के नाम पर रुपए ले जाते रहे और वह देता रहा।

संदीप ने बताया कि वो लगातार 4 फरवरी से अपने सामान को बचाने के लिए करीब 15 हजार रुपए रिश्वत निगम सफाई कर्मचारियों को दे चुका है। उसने बताया कि जब सफाई निरीक्षक दिल्ली गए, उस समय भी 11 हजार रुपए लेकर गए। उसके बाद भी सफाई निरीक्षक के नाम पर बार-बार सामान जब्त करने की धमकी दी और कभी एक हजार तो कभी 500 रुपए लेकर जाते रहे। संदीप ने बताया कि मैं इस प्रक्रिया से परेशान हो गया था। इसके बाद उसने राजस्थान पत्रिका की एक्सपोज टीम को इस बारे में बताया था।

जनता बोली, समान रूप से हो कार्रवाई
सुबह कार्रवाई के दौरान जमा भीड़ बार-बार महापौर और निगम आयुक्त को इस मामले में दोषी बताती रही। यहां मौजूद मोहम्मद हुसैन ने कहा कि निगम गरीबों को ही परेशान करती है। कई जगह फुटपाथ पर कब्जे हो गए हैं, उन्हें निगम क्यों नहीं हटाता। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि जनता की कोई नहीं सुनता। इस मामले में सच सामने आया तो निगम ने फुटपाथ वाले को ही परेशान कर दिया। यह व्यक्ति तो फुटपाथ पर सामान रखकर बेच रहा था, कोई अतिक्रमण नहीं कर रहा था, लोगों ने तो फुटपाथ पर कब्जे कर पक्के तक बना लिए, फिर इन्हें निगम ने क्यों नहीं छेड़ा। कार्रवाई हो तो सभी के खिलाफ समान रूप से हो।

आयुक्त हरिसिंह राठौड़ से सीधे सवाल
सवाल : निगम की ओर से मंगलवार को भी एक ही जगह पर कार्रवाई हुई या और जगहों पर भी की?
जवाब : देखो मैं फुटपाथ पर किसी को नहीं बैठने दूंगा। शहर भर के फुटपाथ खाली करवाए जाएंगे।

सवाल : आरोप है कि कर्मचारी फुटपाथ वालों से अभद्रता व मारपीट कर रहे हैं?
जवाब : नहीं हमारे कोई लोग बदतमीजी नहीं करेंगे, लेकिन फुटपाथ पर नहीं बैठने देंगे। फिर भी ऐसा हो रहा है तो पुलिस को शिकायत करें।

महापौर घनश्याम ओझा से बात
सवाल : हाईकार्ट के निर्देश अनुसार क्या निगम निष्पक्ष एवं समान रूप से कार्रवाई कर रहा है?
जवाब : पहले फुटपाथ और ट्रैफिक में बाधा बनने वाले लोगों को हटाया जा रहा है।

सवाल : आपको जानकारी है कि निगम कर्मचारियों ने फुटपाथ वालों से वसूली की?
जवाब : मामला संज्ञान में आया। शिकायत की पुष्टि करवाई है। निगम में दोषियों के लिए कोई जगह नहीं है।

सवाल : निगम ने वसूली की शिकायत करने वाले के खिलाफ ही दो बार कार्रवाई की। लेकिन चौथवसूली करने वालों के खिलाफ निगम ने क्या कार्रवाई की ?
जवाब : चौथवसूली करने वाले दोनों ही जमादारों को सस्पेंड कर दिया है। पीडि़त से भी जुर्माना वसूलकर सामान देने के ऑर्डर जारी कर दिए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो