भोपाल

कांग्रेस को चुनौती देने भाजपा भी मैदान में कूदी

– विधानसभा अध्यक्ष को लेकर रस्साकसी- कांग्रेस के एनपी प्रजापति और भाजपा के विजय शाह के बीच मुकाबला

भोपालJan 08, 2019 / 10:40 am

दीपेश अवस्थी

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भोपाल। 15वीं विधानसभा के सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष को लेकर गहमागहमी रही। सत्तापक्ष कांग्रेस की ओर से गोटेगांव के विधायक एनपी प्रजापति ने और मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से हरसूद विधायक विजय शाह के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इसको लेकर दिनभर राजनीतिक सरगर्मी रही।
विधानसभा में भाजपा के १०९ और कांग्रेस के ११४ विधायक हैं। कांग्रेस को निर्दलीयों सहित सपा और बसपा विधायकों का भी समर्थन है। एेसे में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का पलड़ा भारी है। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव मंगलवार को होगा। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना का कहना है कि वैसे तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी, यदि एेसी स्थिति बनी तो मतदान कराया जाएगा। मतदान के तत्काल बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
 

कांग्रेस के अधिक प्रस्तावक –
कांग्रेस के एनपी प्रजापति के लिए चार प्रस्तावक और चार समर्थक रहे। तीन में कांग्रेस और चौथे में बसपा के संजीव सिंह प्रस्तावक एवं सपा के राजेश शुक्ला समर्थक रहे। जबकि भाजपा के विजय शाह के लिए शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा प्रस्तावक और समर्थक रहे। कांग्रेस के लिए सपा और बसपा के प्रस्तावक समर्थक होने का आशय यह भी है कि बसपा और सपा कांग्रेस के साथ है।
51 साल बाद आई वोटिंग की नौबत –
अध्यक्ष पद के लिए ४३ साल बाद वोटिंग की नौबत आई। वर्ष 1962 और 1967 में मतदान से अध्यक्ष चुने गए। यह संयोग ही रहा दोनों समय कांग्रेस सरकार थी और विपक्ष में जनसंघ रही। वर्ष 1962 में कुंजीलाल दुबे और 1967 में काशी प्रसाद पाण्डेय मतदान के जरिए अध्यक्ष चुने गए
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