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mp election2018 # हारे हुए विधायकों को टिकट देने पर भाजपा—कांग्रेस में मंथन

locationभोपालPublished: Oct 21, 2018 01:16:22 pm

Submitted by:

harish divekar

सर्वे में कई पूर्व विधायकों की रिपोर्ट अच्छी

bjp congress

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चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही भाजपा-कांग्रेस हारे हुए विधायकों को एक बार फिर मैदान में उतारने को लेकर मंथन कर रही है।

इनमें उन विधायकों का नाम प्रमुख है, जिनकी सर्वे रिपोर्ट अच्छी आई है। हालांकि दोनों ही राजनैतिक दलों में अभी तक टिकटों को लेकर नाम फाइनल नही हो पाए है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी उन विधायकों का भी टिकट काट सकती है, जहां हाल ही में उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को हार मिली थी।पार्टी यहां नए चेहरों को मौका देगी।

दरअसल, बीते एक-डेढ़ साल में हुए उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली थी।देश की 19 नगरीय निकाय चुनाव में से भाजपा 9 में पीछे रही थी।इसके साथ ही अटेर, चित्रकूट, कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा को तगड़ा झटका लगा था ।

उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में लाखों के प्रचार प्रसार और पूरी जान झोंकने के बावजूद भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी इस बार कोई रिस्क नही लेना चाहती इसलिए फूंक फूंक कर कदम रख रही है, वही मैदान में इस बार बाकि चुनावों के बजाय मुकाबला कड़ा है।
विधायक बीजेपी के फिर भी यहां मिली थी हार
सरदारपुर- विधायक बेलसिंह भूरिया अपनी विधानसभा में आने वाली नगर परिषद को नहीं बचा पाए।
राजगढ़ परिषद में भी भाजपा हारी ।
धरमपुरी- अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट की धरमपुरी और धामनोद दोनों परिषद में पार्टी को हार मिली। यहां से कालुसिंह ठाकुर भाजपा के विधायक हैं।
मनावर- आदिवासी विधानसभा क्षेत्र मनावर में भी विधायक रंजना बघेल परिषद में भाजपा को जिताने में असफल रहीं। यहां लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है।


धार- केंद्रीय मंत्री और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे दिग्गज नेता विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा धार से विधायक हैं। फिर भी परिषद में कांग्रेस का कब्जा हो गया।
यहां भाजपा के बागी उम्मीदवार अशोक जैन ने भारी मात्रा में वोट कबाड़े जिस वजह से पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
हाटपीपल्या- राज्यमंत्री दीपक जोशी की विधानसभा क्षेत्र की करनावद नगर परिषद भाजपा के पास थी।
खिलचीपुर- विधायक हजारी लाल दांगी के नेतृत्व वाली खिलचीपुर भी अपनी नगर परिषद को नहीं बचा पाए थे।
पिपरिया– विधायक ठाकुरदास नागवंशी भाजपा के हैं फिर भी पचमड़ी केंट के चुनाव में पार्टी समर्थित पार्षद और अध्यक्ष को नहीं जिता पाए।
अनूपपुर- आदिवासी विधायक रामलाल रौतेल के क्षेत्र की जैतहरी परिषद पर भाजपा हारी।
शहडोल उपचुनाव में भी पार्टी की अपेक्षा के अनुरूप यहां वोट नहीं मिले

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