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सियासी जंग खत्म, अब संगठन मजबूत करने की कवायद में जुटी भाजपा-कांग्रेस

locationभोपालPublished: Jun 02, 2019 10:51:51 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

भाजपा में संगठन चुनाव की आहट तो कांग्रेस में लोकसभावार समीक्षा का दौर शुरू

CONGRESS BJP

सियासी जंग खत्म, अब संगठन मजबूत करने की कवायद में जुटी भाजपा-कांग्रेस

भोपाल. विधानसभा और लोकसभा चुनाव की सरगर्मी खत्म हो चुकी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में अब संगठनात्मक मजबूती की कवायद का दौर शुरू होने जा रहा है। कांगे्रस लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की पड़ताल में जुट गई है तो मोदी लहर में मजबूत हुई भाजपा अब संगठनात्मक चुनाव और सदस्यता अभियान की नब्ज टटोल रही है।

20 फीसदी सदस्य बढ़ाने का लक्ष्य

चुनाव खत्म होने के साथ ही भाजपा में अब संगठनात्मक चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि इससे पहले पार्टी पूरे देश में सदस्यता अभियान चलाएगी। पार्टी के संविधान के मुताबिक, हर मंडल पर संगठन चुनाव पूर्ण करने के लिए पहले 20 प्रतिशत सदस्यों की संख्या बढ़ाना जरूरी है।

पिछली बार भाजपा ने प्रदेश में एक करोड़ दस लाख सदस्य बनाकर नया कीर्तिमान रचा था, लेकिन सत्यापन के बाद सदस्यों की संख्या घटकर 53 लाख रह गई थी। अगर भाजपा सभी मंडलों में चुनाव कराती है तो नियमानुसार उसे पूरे प्रदेश में लगभग साढ़े दस लाख नए सदस्य बनाना होंगे।

पार्टी का सदस्यता अभियान जून के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है। पूरे देश में सदस्यता अभियान को पूरा करने में दो से तीन महीने लग सकते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में सदस्यता अभियान जल्दी भी समाप्त होने की उम्मीद है।

सदस्यता अभियान में 20 फीसदी नए सदस्य बनाना भाजपा के लिए चुनौती रहेगा। पार्टी की नजर 18 से 20 साल के नए मतदाताओं पर है। पांच साल में प्रदेश में लगभग 40 लाख नए मतदाता बने हैं। लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि मोदी लहर में युवा वोट भाजपा के खाते में गया है। ऐसे में भाजपा इन नए मतदाताओं को पार्टी से जोडऩे के लिए अभियान चला सकती है।

संगठनात्मक चुनाव इस तरह होंगे

सदस्यता अभियान के बाद मंडल, जिला और संभाग स्तर के चुनाव होंगे। अंत में प्रदेश स्तर के चुनाव होंगे। इसमें प्रदेश अध्यक्ष का भी चुनाव होता है। नंदकुमार ङ्क्षसह चौहान को कार्यकाल पूर्ण होने के पहले ही हटाकर राकेश ङ्क्षसह को अध्यक्ष बनाया गया था। अब नए कार्यकाल के लिए भी राकेश ङ्क्षसह की ही ताजपोशी तय मानी जा रही है।

राहुल की टीम कर रही वन टू वन चर्चा

कांग्रेस अब हर लोकसभा क्षेत्र की अलग-अलग समीक्षा कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दूत के रूप में एआइसीसी के सचिव प्रदेश में बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं से हार के कारणों के साथ ही सुझाव भी लिए जा रहे हैं। इन्हीं के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी। राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी ने पीसीसी में बुंदेलखंड की सीटों के विधायकों और हारे हुए उम्मीदवारों के साथ बैठक की। वहीं, संजय कपूर इंदौर में मालवा क्षेत्र की सीटों की समीक्षा कर रहे हैं।

शनिवार को भोपाल में त्रिपाठी ने बुंदेलखंड के टीकमगढ़, खजुराहो, दमोह और सागर सीट की समीक्षा की। उन्होंने विधायकों और उम्मीदवारों से वन टू वन चर्चा की। इस बैठक में राजनगर से विधायक विक्रम सिंह नातीराजा, महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित, मलहरा विधायक प्रद्युम्र सिंह लोधी और टीकमगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार किरण अहिरवार ने हिस्सा लिया। अधिकांश नेताओं ने हार का करण इवीएम को बताया।

विक्रम सिंह ने कहा कि इवीएम की गड़बड़ी के कारण चुनाव के नतीजे इस तरह के आए हैं। किरण अहिरवार ने कहा कि इन परिणामों की उम्मीद नहीं थी। इलाके में कोई मोदी लहर का प्रभाव नहीं था। फिर भी नतीजे उम्मीदों के विपरीत आए जिससे इवीएम पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। संजय कपूर ने इंदौर में नेताओं के साथ चर्चा की। वे रविवार को भी स्थानीय नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा करेंगे।

हम लोकसभावार समीक्षा कर रहे हैं। इसमें चुनाव के हारे हुए उम्मीदवार, स्थानीय विधायक और जिले के अन्य नेताओं से मंथन किया जा रहा है। उनसे हार का कारण और आगे के लिए सुझाव भी मांगे जा रहे हैं ताकि आगामी कार्ययोजना बनाई जा सके।
– संजय कपूर सचिव,एआईसीसी

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