शिवराज कैबिनेट
मालूम हो कि, चुनाव परिणामों की घोषणा होने के पांच दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल शुरु हो गई। कांग्रेस ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से बैठक पर रोक लगाने की मांग की है। इधर चुनाव आयोग ने तो अब तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के इस आरोप पर पलटवार कर दिया गया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस ने इतने साल देश प्रदेश पर राज किया लेकिन, उसे अब तक नियमों का ज्ञान नहीं हुआ है। भाजपा की ओर से मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे कैबिनेट बैठक के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि, कैबिनेट बैठक को लेकर जो भी प्रक्रिया हो रही है संवैधानिक रूप से सही है।
EVM मामले पर भाजपा का तंज
वहीं, कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर उठाए सवाल पर पलटवार करते हुए सारंग ने कहा, ‘हार का डर होता है तो ऐसे इल्जाम लगाते हैं, जीतते हैं तो कहते हैं कि हमारी खूबी, हारते हैं तो EVM पर आरोप लगाते हैं। कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट को भी कठघरे में खड़ा करती है।’
EVM पर भी भाजपा-कांग्रेस आमने सामने
इधर, ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कांग्रेस ने तो अपनी गतिविधियां तेज कर ही दी हैं, लेकिन अब इस मामले में भाजपा भी कूद गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसका आरोप है कि, हम जिसे चौकीदीर समझ रहे हैं, ऐसा नहीं वही कोई उलटफेर कर दें। इधर भाजपा भी राजधानी भोपाल के स्ट्रांग रूम समेत प्रदेश के कई स्ट्रांग रूमों के बाहर सुरक्षा के मद्देनज़र डेरा जमा चुकी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की सफाई
हालांकि, ईवीएम सुरक्षा पर खड़े हुए संदेह को दूर करते हुए आखिरकार चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल कांताराव ने भी भोपाल में स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, चुनाव आयोग के 100 फीसदी नियमों का पालन ईवीएम की सुरक्षा में किया जा रहा है। तीन स्तर पर ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। निरीक्षण करने आने वाले किसी भी अधिकारी-नेता का मोबाइल बाहर रखवाकर रजिस्टर में एंट्री की जा रही है। वहीं सागर, खरगौन, सतना और अब खंडवा के पंधाना में ईवीएम लेट पहुंचने पर कांताराव ने कहा कि जांच रिपोर्ट मंगवाई जा चुकी है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर उचित कार्रवाई की जाएगी।