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कडवे दिन में मोदी का मप्र में चुनावी शंखनाद

locationभोपालPublished: Sep 23, 2018 11:31:36 pm

Submitted by:

harish divekar

25 सितंबर को भोपाल के जंबूरी मैदान में होगा कार्यकर्ता महाकुंभ

PM Narendra Modi

PM Narendra Modi



हिन्दूत्व की राह पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश के चुनाव का शंखनाद श्राद्धपक्ष यानी कडवे दिनों में करने जा रहे हैं।

मूहर्त और समय काल देखकर कदम उठाने वाली भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर गणेश विसर्जन से पहले इतने अच्छे मूहर्त को छोडकर पार्टी ने कडवे दिनों को क्यों चुना?
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2008 से चुनावी शंखनाद दीनदयाल जयंती पर की थी, इस परंपरा को 2013 के चुनाव में भी जारी रखा।
भाजपा के बडे नेता भी इसे अब शुभंकर मानने लगे हैं, यही वजह है कि हिन्दू संवत, कालचक्र और मूहर्त को अनदेखा किया गया है।

हालांकि कडवे दिनों का तोड निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने जंबूरी मैदान में कार्यक्रम स्थल का मूहर्त में भूमिपूजन कर वास्तुदोष टाला है, वहीं कार्यक्रम स्थल पर गणेश चतुर्थी के दिन अटल बिहारी बाजपेयी की याद में प्रदर्शनी लगाकर इसका उदघाटन कर इसकी शुरुअआत भी कर दी।
भाजपा नेताओं का मानना है कि इसके चलते अब मोदी का चुनावी शंखनाद पर कडवे दिन का असर नहीं आएगा। यहां एक ओर चौकाने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री पिछले दो बार के चुनाव 2008 और 2013 में अपनी जनआर्शिवाद यात्रा का समापन भी 25 सितंबर यानी दीनदयाल जयंती पर करते आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने यह परंपरा तोडी है। इसकी मुख्य वजह प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में बनता माहौल है।
इस बार के चुनाव पिछले दो चुनावों से काफी भिन्न हैं। इस बार के चुनाव में विकास और पार्टी मुददा नहीं रहे, इस बार सवर्ण, पिछडा और एससी—एसटी जाति मुददा बन गया है। इससे अकेले भाजपा ही नहीं कांग्रेस भी खासी परेशान है। वर्तमान हालात को देखते हुए राजनीतिक पंडित भी प्रदेश की राजनीति के भविष्य के बारे में बोलने से बच रहे हैं। सही बात तो यह है कि इस बार राजनीति का उंट किस करवट बैठेगा यह कोई नहीं समझ पा रहा है।
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