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कांग्रेस शासित दो राज्यों से भाजपा ने छीनी सत्ता, कांग्रेस का एक स्तंभ भी तोड़ा

locationभोपालPublished: Mar 21, 2020 02:08:04 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी सरकार की सत्ता से विदाई हो गई है।

कांग्रेस शासित दो राज्यों से भाजपा ने छीनी सत्ता, कांग्रेस का एक स्तंभ भी तोड़ा

कांग्रेस शासित दो राज्यों से भाजपा ने छीनी सत्ता, कांग्रेस का एक स्तंभ भी तोड़ा

भोपाल. मध्यप्रदेश में 15 महीने तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस अपने ही नेताओं के बगावत के कारण गिर गई है। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद सीएम कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। मध्यप्रदेश में इस समय भाजपा के पास संख्याबल अधिक है। ऐसे में भाजपा की सरकार बनना तय है। ये दूसरा मौका है जब भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में कांग्रेस से सत्ता छीन ली और सरकार बनाने जा रही है। विधानसभा में चुनाव हारने के बाद भी भाजपा अब दो राज्यों में आ गई है।
मई से शुरू हुआ दूसरा कार्यकाल
मई 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा की दूसरी बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए और भाजपा ने कांग्रेस शासित दो राज्यों में अपनी सरकार बना ली है। बीजेपी ने कांग्रेस के दो राज्यों की सत्ता को अपने नाम कर लिया है। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद बीजेपी ने पहले कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के हाथों से सत्ता छीनी और अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया है।
सिंधिया भी भाजपाई हुए
मध्य प्रदेश में पिछले 17 दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को कमलनाथ ने राजभवन जाकर राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंप दिया है। इसी के साथ मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी सरकार की सत्ता से विदाई हो गई है। दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन आपसी कलह के कारण 15 महीने के भीतर ही सरकार गिर गई। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने की मुख्य वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपाई हो जाना है।
कांग्रेस में लगातार उपेक्षा झेल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और फिर 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होते ही सिंधिया समर्थक विधायक बागी हो गए और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई।
शाह ने बनाई रणनीति
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में भविष्य को लेकर रणनीति बनी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
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