16 मार्च मध्यप्रदेश के सियासी संकट का 14वां दिन है, भाजपा और कांग्रेस अग्नि परीक्षा के लिए ताल ठोकने में पीछे नहीं है। सवाल अब आगे की रणनीति का है। फिलहाल फ्लोर टेस्ट टला तो सुप्रीम कोर्ट जाने से लेकर राष्ट्रपति शासन तक के आसार लगाए जा रहें। मध्यप्रदेश सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर राजनीतिक गणित लगा रही। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि सरकार सुरक्षित है।
राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को अल्पमत में बताते हुए भले ही सदन में बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दे दिए हों, लेकिन सरकार तैयार नहीं है। तर्क दिया जा रहा है कि राज्यपाल ने संविधान के जिस नियम के तहत फ्लोर टेस्ट के निर्देश दिए हैं, सदन उसको मानने बाध्य नहीं है। निर्णय सदन को करना है कि सरकार कब बहुमत सिद्ध करे। संभावना जताई जा रही है कि यदि सरकार राज्यपाल का आदेश नहीं मानती है तो भाजपा सुप्रीम कोर्ट में जाने से लेकर राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन लगाने तक की सिफारिश कर सकती है।