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भाजपा ग्राम स्वराज, कांग्रेस समरसता अभियान से साधेगी दलित वोट

locationभोपालPublished: Apr 08, 2018 10:07:56 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

एससी उपद्रव के बाद भाजपा-कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति

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भोपाल. दो अप्रैल को मध्यप्रदेश में हुए उपद्रव के बाद भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। दोंनों दलों ने आगामी कार्यक्रमों में सिर्फ एससी-एसटी वर्ग पर फोकस किया है। भाजपा ग्राम स्वराज के जरिए प्रदेश के तकरीबन दो हजार एससी-एसटी बाहुल गावों में पहुंच रही है, तो कांग्रेस उपद्रव पीडि़तों के घर पहुंचकर उनकी संवेदना हासिल करना चाहती है। भाजपा की रणनीति है कि वो उपद्रव के पीछे कांग्रेस, बसपा और सपा के कुछ नेताओं के हाथ होने का आरोप लगाकर डैमेज कंट्रोल करेगी, वहीं, कांगे्रस भाजपा को दलित और आरक्षण विरोधी कहकर घेरेगी।
दो हजार दलित बाहुल गांवों में रात गुजारेंगे नेता
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने १४ अप्रैल से ५ मई तक ग्राम स्वराज अभियान का एेलान किया है। प्रदेश में पार्टी लगभग दो हजार एेसे गांवों को चिन्हित कर रही है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बाहुल हैं। अभियान में मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के सभी मंत्री, मध्यप्रदेश से जुड़े केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यसभा सदस्य, विधायक के अलावा जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों को शामिल कर रहे हैं। अभियान में नेता न केवल दलित आबादी बाहुल गांव में पहुंचेंगे, बल्कि वहां एक रात भी रुकेंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में अभियान की जिम्मेदारी केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत को दी जा रही है। केंद्रीय संगठन अभियान के लिए केंद्र की ५ योजनाओं को गांवों में पूर्ण रूप से लागू कराने का लक्ष्य दिया है। वहीं मध्यप्रदेश संगठन प्रदेश की ५ योजनाओं को भी शामिल करने जा रहा है। अभियान से पार्टी संदेश देने की कोशिश करेगी कि एससी एक्ट को लेकर जो उपद्रव हुआ उसे भड़काने में विपक्ष के कुछ लोगों का हाथ था।
वर्जन
१४ अप्रैल से पार्टी ग्राम स्वराज अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश के अजा-जजा बाहुल गांवों में इसका आयोजन होगा। राष्ट्रीय स्तर के इस अभियान में प्रदेश के सभी बड़े नेता जुटेंगे।
– विजेश लूनावत, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा मप्र
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उपद्रव पीडि़तों के घर पहुेगी कांग्रेस-
– १४ अप्रैल से होगी शुरुआत, प्रदेश से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर पर होंगे कार्यक्रम
भोपाल. कांग्रेस समरसता सम्मेलन करेगी। इसके बहाने दलित वर्ग में पैठ और मजबूत करने की कोशिश होगी। अम्बेडकर जयंती १४ अप्रैल से सम्मेलन शुरू होंगे। राज्य, संभाग और जिला स्तर पर होने वाले इन सम्मेलनों में कांग्रेस पदाधिकारियों सहित बड़े नेता भी शामिल होंगे। पार्टी १० अप्रैल से प्रदेशभर में सहायता केन्द्रों की शुरुआत करेगी। कांग्रेस दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में पीडि़तों के घर जाएगी।


किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़ी नजर आई कांग्रेस अब दलितों को साथ लेकर चलने की तैयारी में है। आरक्षण मामले में इस वर्ग का समर्थन करते हुए पार्टी ने भारत बंद के दौरान हुए उपद्रव में पीडि़तों की मदद करने का कार्यक्रम तैयार किया है। इसकी शुरुआत १० अप्रैल से होगी। इसी दिन कांग्रेस प्रदेशभर में जिला स्तर पर केन्द्र भी शुरू करेगी। ये केन्द्र एेसे लोगों की जानकारी जुटाएंगे, जो समाज का तानाबना बिगाडऩे में जुटे हैं। जिला स्तर के ये केन्द्र प्रदेश मुख्यालय के साथ जानकारी साझा करेंगे और पीडि़तों की हर संभव मदद करेंगे। केन्द्र में कानूनी विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे, जो आगंतुकों को कानूनी सलाह उपलब्ध कराएंगे।

अम्बेडकर जयंती से शुरू होंगे कार्यक्रम –
अम्बेडकर जयंती १४ अप्रैल से पार्टी ने बड़े स्तर पर कार्यक्रम तैयार किए हैं। इनके माध्यम से पार्टी अधिक से अधिक लोगों के पास पहुंचने का लक्ष्य है। यह कार्यक्रम एक पखवाड़े तक चलेंगे।
वर्जन
भाजपा लोगों के बीच जाति को लेकर फूट डालने का प्रयास कर रही है, यह समाज के लिए खतरनाक है। कांग्रेस का प्रयास समाज को जोडऩे का है, जिसके लिए पार्टी ने कार्यक्रम तैयार किए हैं। इसकी शुरुआत १० अप्रैल से केन्द्रों के माध्यम से हो जाएगी। अम्बेडकर जयंती के बाद से एक पखवाड़े तक प्रदेशभर में कार्यक्रम होंगे।
सुरेश चौधरी, अध्यक्ष कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग

 

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