भार्गव ने कहा- नव विस्तारित मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभागों के वितरण पश्चात दो दिन से हर अखबार और चैनल पर देख रहा हूं कि भाजपा कोटे से इतने मंत्री और सिंधिया कोटे से इतने तथा इतनों को “मालदार विभाग”। यह ‘मालदार’ शब्द भी पहली बार इस नए दौर की राजनीति में प्रविष्ट हुआ है। मुझे जब जब भी मुख्यमंत्री जी और पार्टी द्वारा जिन जिन विभागों की जिम्मेदारी दी गई मैंने उन विभागों को पार्टी तथा मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार संचालित किया है। स्व. श्री बलराज मधोक जी के समय से इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी व्यक्ति आधारित पार्टी नहीं रही है।
गोपाल भार्गव ने कहा- भाजपा में संगठन ही सर्वोपरि है। इसलिए मंत्रिमंडल में सम्मिलित मंत्रीगणों को खेमें में बांटने और विभागों के वितरण में मालदार और गैर मालदार विभागों की बात करना सर्वथा अनुचित ही है। यह विचार मेरे दीर्घकालिक राजनैतिक अनुभव से उपजे मेरे नितांत निजी विचार हैं।