सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय संगठन में हुए इस बदलाव के बाद अब मध्यप्रदेश में भी लोगों को बदलाव की आस जागी है। दरअसल विधानसभा चुनावों के दौरान टिकट वितरण को लेकर कई भाजपाई नाराज दिखे थे।
ऐसे में वे हार के बाद से लगातार संगठन में बदलाव की मांग करते रहे हैं। वहीं केंद्र में हुए बदलाव को अब मध्यप्रदेश ( BJP MP BJP ) में भी होने वाली सर्जरी के संकेत के तौर पर माना जा रहा है।
वहीं बताया जाता है कि केंद्र में हुए बदलाव के बाद मध्य प्रदेश में बदलावों के संकेत के बीच मध्यप्रदेश भाजपा में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इसमें खास वे लोग परेशान बताए जा रहे हैं, जिनका पिछले कुछ समय में विरोध हुआ था।
वहीं अब जब केंद्र में परिवर्तन हुआ है तो मध्यप्रदेश भाजपा में भी संगठन के अंदर बदलाव की बातें तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार ये तक चर्चा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) में भी प्रदेश संगठन महामंत्री ( BJP MP BJP ) सुहास भगत व कई संभागीय संगठन मंत्रियों को ही हटाया जा सकता है।
वहीं राजनीति के जानकार डीके शर्मा का कहना है कि विधानसभा चुनावों में तो कई भाजपा नेताओं का विरोध हुआ था, लेकिन इनमें से कुछ को तो केंद्र में ले लिया गया। ऐसे में यदि कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के लिए भाजपा कोई कदम उठाती है, तो ये बदलाव का कदम सीधे तौर पर मध्य प्रदेश के भाजपा संगठन से ही होकर गुजरता दिखता है।
इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाए गए रामलाल के संबंध में जानकारों का कहना है कि रामलाल ( ramlal ) भाजपा में एक प्रमुख रणनीतिकार के रूप में काम करते रहे हैं और संघ व पार्टी के बीच की कड़ी थे। उन्हें भाजपा की हर बड़ी बैठक में देखा जाता था।
वहीं सूचना है कि भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) संगठन महासचिव रामलाल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( RSS ) का सह संपर्क प्रमुख बनाया गया है।
ज्ञात हो कि 2006 से रामलाल को बीजेपी में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं अब हुए बदलाव के बाद उनकी ये जिम्मेदारी बीजेपी के सह संगठन मंत्री वी सतीश निभाएंगे।
दरअसल 2005 में बीजेपी के संगठन महासचिव संजय जोशी की सेक्स सीडी आने के बाद उन्हें बीजेपी से पद मुक्त किया गया था, उसके बाद 2006 की शुरुआत से रामलाल बीजेपी में संगठन महासचिव का काम देख रहे हैं।
बताया जाता है कि बीजेपी के केंद्र में संगठन महामंत्री और प्रदेश में संगठन मंत्री संघ से भेजे जाते हैं, जो पार्टी में संगठन, संघ और बीजेपी के बीच में समन्वय का काम देखते हैं। बीजेपी में पार्टी अध्यक्ष के बाद संगठन महासचिव का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है।