देश में पांच माह बाद आम चुनाव होने हैं। लेकिन, मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने अभी से अपनी दावेदारी ठोक दी है। उन्होंने पार्टी के आलाकमान से कहा है कि यदि चुनाव जीतना है तो मुझे टिकट देना चाहिए। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में मेहदेले ने कहा कि पार्टी चाहे तो उन्हें लोकसभा का टिकट दे सकती है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि मुझे विधानसभा में भी टिकट दे दिया जाता तो मैं खुद तो जीत जाती, साथ में तीन-चार सीटें और जिताकर ले आती।
पार्टी से हैं दरकिनार
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले पहले से ही उम्रदराज होने के कारण दरकिनार चल रहे हैं। इनके अलावा पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने तो भाजपा छोड़ कांग्रेस का ही दामन थाम लिया था। उन्होंने सिवनी मालवा से टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस के टिकट पर होशंगाबाद से चुनाव लड़ा था।
बयानों से गड़बड़ाया गणित
पार्टी से दरकिनार चल रहे भाजपा के इन दिग्गज नेताओं ने कई बार पार्टी विरोधी बयान देकर अपनी ही पार्टी को मुसीबत में डाल दिया था। सरताज सिंह के पार्टी से निकल जाने के बाद बाबूलाल गौर ने भी कहा था कि यदि मेरी बहू को भोपाल की गोविंदपुरा सीट से टिकट नहीं दिया जाता तो मैं भी ऐसा ही कुछ कर सकता था। इसके अलावा गौर कई बार कांग्रेस घेमे में जाकर और नजदीकियां बताकर सुर्खियों में रहे। राजनीतिक जानकारों की माने तो इन दिग्गज नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को प्रदेश में काफी नुकसान हुआ है।
विधानसभा में नहीं दिखेंगे ये नेता
मध्यप्रदेश में अब कांग्रेसस की सरकार है। 7 जनवरी से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। मध्यप्रदेश में भाजपा विपक्ष में होगी, लेकिन उसके कई दिग्गज नेता नजर नहीं आएंगे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, कैलाश विजयवर्गीय, माया सिंह, भाजपा से निष्कासित सरताज सिंह, कुसुम मेहदेले शामिल हैं।