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भाजपा नेता की जमीन पर अतिक्रमण, न्याय दिलाने साथ आए नेता प्रतिपक्ष

locationभोपालPublished: Aug 05, 2018 11:23:39 am

– अजय सिंह पीडि़त को लेकर पहुंचे राजस्व मंत्री के यहां

In the case of assault Court of justice

In the case of assault Court of justice

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जंगलराज की स्थापना शिवराज सरकार ने कर दी है। उन्होंने कहा कि गढ़ाकोटा में भाजपा कार्यकर्ता की निजी भूमि पर नगरपालिका द्वारा कब्जा कर किए जा रहे अवैध निर्माण के खिलाफ लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया इसके बाद भी मंत्री गोपाल भागर्व के दबाव में सारे फैसलों और नियमों को दरकिनार कर मल्टी काम्पलेक्स बनवाया जा रहा है। इसका लोकार्पण 19 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता से मुलाकात कर इसकी जांच करवाने और तत्काल अदालत के आदेशानुसार निजी जमीन पर निर्माण कार्य रूकवाने को कहा है।

नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि भाजपा शासन के 15 साल पूरे होने के बाद अब प्रदेश अराजकता की ओर बढ़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि गढ़ाकोटा में बस स्टैंड के पास नगरपालिका द्वारा एक निजी भूमि पर अवैध रूप से मल्टी काम्पलेक्स बनाया जा रहा है। यह भूमि भाजपा कार्यकता राकेश नायक की है। जो मंत्री गोपाल भार्गव जी का गढ़ाकोटा में रामबाग और बजरंग बाग में बूथ एजेंट भी है पर इसकी भी जमीन को नहीं बख्शा जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता ने इसके लिए लोअर कोर्ट में रिट दायर की] जिसपर कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला दिया।

इसके बाद सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी फरियादी के पक्ष में ही फैसला सुनाया। पर इसके बाद भी नगरपालिका गढ़ाकोटा इन सभी अदालतों की अवमानना कर 24 घंटे निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं। इस निर्माण कार्य के खिलाफ भी स्टे ले लिया इसे भी नगरपालिका ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। श्री सिंह ने कहा कि क्या यह जंगलराज नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही ऐसा हो रहा है तो आज प्रदेश की जनता कितना सफर कर रही है। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

श्री सिंह ने कहा कि तत्काल इस निर्माण कार्य पर रोक लगे। नायक को उनकी जमीन वापस मिले और अदालत की अवमानना करने पर संबंधितों पर सख्त कार्यवाही हो।

क्या है मामला
सागर जिले की गढ़ाकोटा तहसील के नगर पालिका परिषद भवन के निर्माण में हाई कोर्ट के स्टे तथा उच्चतम न्यायालय के फैसले की अनदेखी का मामला सामने आया है जिस भूमि पर गढ़ाकोटा नगर पालिका परिषद का भवन बनाया जा रहा है उस भूमि पर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्टे जारी कर रखा परंतु हाई कोर्ट के स्टे की धज्जियां उड़ाते हुए नगर परिषद के द्वारा धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है इसके साथ ही जिस जमीन पर स्टे है उस पर पूर्व में माननीय सर्वोच्च न्यायालय भी अपना फैसला फरियादी के पक्ष में सुना चुकी है फिर भी अधिकारी इन सब को धता बताकर निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं जिसके बाद फरियादी ने जबलपुर हाईकोर्ट में रिट याचिका क्रमांक 9633/17 लगाकर स्टे प्राप्त किया है परंतु नतीजा जस का तस है।

सागर जिले के रहली विधानसभा अंतर्गत गढ़ाकोटा तहसील के बारे में अभी तक यह चर्चा हुआ करती है कि यहां कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव का राज चलता है तथा प्रशासन के अधिकारी उनके खौफ के साए में रहकर काम करते हैं. इन चर्चाओं को उस समय और बल मिला जब गढ़ाकोटा नगर पालिका परिषद के लिए हो रहे नवीन भवन निर्माण का मामला सामने आया इस मामले में गढ़ाकोटा तहसील तथा नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा के अधिकारियों ने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी नहीं माना साथ ही माननीय उच्च न्यालय द्वारा जारी स्टे का उल्लंघन कर यह बता दिया कि यहां के अधिकारीयो तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मंत्री जी की छत्रछाया के चलते न्यायालय काफी डर नहीं रहा है.

इस मामले में यदि किसी की दादागिरी चल रही है, तो वह हैं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष भरत पंडा जो कि मंत्री पुत्र अभिषेक भार्गव के खासमखास व्यक्ति हैं तथा नगर पालिका परिषद के करीब 25 वर्षों से जमे प्रभारी सीएमओ गढ़ाकोटा नगर पालिका परिषद के नवनिर्मित हो रहे भवन के सामने खड़ा होकर न्याय की गुहार लगाता यह व्यक्ति राकेश नायक है.

इस व्यक्ति की जमीन गढ़ाकोटा पटवारी हल्का नंबर 33/22 खसरा क्रमांक 342/1 एवं 342/2 कुल रकबा 74 डिसमिल है इस भूमि का एक वाद रहली न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जिस पर रहली न्यायालय के द्वारा 28-04-2006 को आवेदक राकेश नायक तथा अन्य के पक्ष में डिक्री एवं निर्णय पारित किया गया था इस निर्णय को बाद में माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में भी चुनौती दी गई.

परंतु उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के द्वारा भी रहली न्यायालय के निर्णय को आवेदक राकेश नायक तथा अन्य के पक्ष में यथावत रखा गया आवेदक के पक्ष में फैसला आने के बाद भी अनावेदक गणों द्वारा इस पर अपना कब्जा नहीं छोड़ा गया तथा अभी कुछ दिन पूर्व से इस विवादित जमीन पर नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा द्वारा नगर पालिका परिषद हेतु नवीन भवन का निर्माण कराया जा रहा है जिस पर राकेश नायक तथा अन्य लोगों ने माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका 9633/17 दाखिल की जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 17-07-2017 स्टे जारी किया है यह स्टे खसरा नंबर 342/1 तथा 342/2 के लिए दिया गया है जो अभी भी जारी है.

इसी भूमि पर अभी आवेदक के अनुसार नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है आवेदक के अनुसार यह भूमि 50 करोड़ रुपए से अधिक की है आवेदक ने इस संबंध में कई शिकायतें प्रशासन की वरिष्ठ अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से की परंतु प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही इस निर्माण कार्य को रोका गया जो खुलेआम उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है इस मामले में जब प्रशासन के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस प्रकार के किसी भी मामले की कोई जानकारी नहीं है।

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