यहां भी व्यवस्थाएं दुरुस्त
कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां कटनी, रीवा, ग्वालियर, नीमच, बुरहानपुर, बालाघाट, सिंगरौली और जबलपुर से कार्यकर्ता आए। पहली ट्रेन सुबह ४.२५ पर हबीबगंज पहुंची। कार्यकर्ताओं को प्लेटफार्म नंबर पांच की ओर सेकंड एंट्री से निकाला गया। ट्रेनों से १० से १२ हजार लोग सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। हालांकि शाम को
कुछ अफरातफरी हुई, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी
झेलना पड़ी।
गलत टे्रन में चढ़े यात्री
मंगलवार शाम को वापस लौटते समय गलत ट्रेन में चढऩे के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा। इसकी वजह प्लेटफार्म दो पर ग्वालियर जाने वाली ट्रेन खड़ी थी, पर रीवा जाने वाले कार्यकर्ता गलती से इस ट्रेन में चढ़ गए। अनाउंसमेंट के बाद ये सभी रीवा की ट्रेन तक पहुंचे।
सुबह मैदान तक छोड़ा, शाम को वाहन लापता
कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर वाहन की व्यवस्था की थी। सुबह लोगों को मैदान तक छोडऩे के बाद शाम को ये वाहन लापता हो गए। सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ता पैदल ही गंतव्य तक पहुंचे।
इन पांच वजहों से नहीं लगा जाम
कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां कटनी, रीवा, ग्वालियर, नीमच, बुरहानपुर, बालाघाट, सिंगरौली और जबलपुर से कार्यकर्ता आए। पहली ट्रेन सुबह ४.२५ पर हबीबगंज पहुंची। कार्यकर्ताओं को प्लेटफार्म नंबर पांच की ओर सेकंड एंट्री से निकाला गया। ट्रेनों से १० से १२ हजार लोग सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। हालांकि शाम को
कुछ अफरातफरी हुई, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी
झेलना पड़ी।
गलत टे्रन में चढ़े यात्री
मंगलवार शाम को वापस लौटते समय गलत ट्रेन में चढऩे के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा। इसकी वजह प्लेटफार्म दो पर ग्वालियर जाने वाली ट्रेन खड़ी थी, पर रीवा जाने वाले कार्यकर्ता गलती से इस ट्रेन में चढ़ गए। अनाउंसमेंट के बाद ये सभी रीवा की ट्रेन तक पहुंचे।
सुबह मैदान तक छोड़ा, शाम को वाहन लापता
कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर वाहन की व्यवस्था की थी। सुबह लोगों को मैदान तक छोडऩे के बाद शाम को ये वाहन लापता हो गए। सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ता पैदल ही गंतव्य तक पहुंचे।
इन पांच वजहों से नहीं लगा जाम
पीएम के आने से पुलिस की व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रहीं। नेता-कार्यकर्ता तय ट्रैफिक व्यवस्था का उल्लंघन नहीं कर सके।
जंबूरी मैदान शहर के एक बड़े हिस्से से अलग है। 70 फीसदी बसों को रायसेन रोड से एंट्री दी गई, जिससे ये बसें शहर में प्रवेश नहीं कर सकीं।
सभा खत्म होने के बाद पुलिस ने पार्किंग से उतने ही वाहन रवाना होने दिए, जितने आसानी से निकल सकें। बारी-बारी से वाहन छोड़े गए।
पार्किंग स्थल से अलग-अलग रास्तों से वाहन रवाना किए गए। कई वैकल्पिक मार्गों से भी वाहन रवाना हुए।
कुछ वक्त के लिए सार्वजनिक यात्री वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया। इससे जंबूरी आने-जाने वाले रूट पर वाहनों की संख्या कम रही।
सुबह मैदान तक छोड़ा, शाम को वाहन लापता
कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर वाहन की व्यवस्था की थी। सुबह लोगों को मैदान तक छोडऩे के बाद शाम को ये वाहन लापता हो गए। सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ता पैदल ही गंतव्य तक पहुंचे।
जंबूरी मैदान शहर के एक बड़े हिस्से से अलग है। 70 फीसदी बसों को रायसेन रोड से एंट्री दी गई, जिससे ये बसें शहर में प्रवेश नहीं कर सकीं।
सभा खत्म होने के बाद पुलिस ने पार्किंग से उतने ही वाहन रवाना होने दिए, जितने आसानी से निकल सकें। बारी-बारी से वाहन छोड़े गए।
पार्किंग स्थल से अलग-अलग रास्तों से वाहन रवाना किए गए। कई वैकल्पिक मार्गों से भी वाहन रवाना हुए।
कुछ वक्त के लिए सार्वजनिक यात्री वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया। इससे जंबूरी आने-जाने वाले रूट पर वाहनों की संख्या कम रही।
सुबह मैदान तक छोड़ा, शाम को वाहन लापता
कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर वाहन की व्यवस्था की थी। सुबह लोगों को मैदान तक छोडऩे के बाद शाम को ये वाहन लापता हो गए। सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ता पैदल ही गंतव्य तक पहुंचे।