चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने बताया कि किसी नेता की ओर से अपने कसीदे में लिखे गए समाचार या लेख जिसमें वो अपने रिकार्ड तथा उपलब्धियों का बखान कर रहा है, अपने समर्थन में वोट की अपील करता है तो ऐसी खबरों को पेड न्यूज माना जाना चाहिए।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्र को पेड न्यूज के आरोप में तीन साल के लिए अयोग्य ठहराया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने आयोग के फैसले को निरस्त करने के लिए कहा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए चुनाव आयोग ने दावा किया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पेड न्यूज की समस्या पर काबू पाने के लिए कार्रवाई करने की उसकी भूमिका सीमित करके गलती कर दी है।
और क्या कहा आयोग ने
-जब ज्यादा प्रसार वाले समाचार पत्रों में किसी प्रत्याशी की ओर से उनके नाम से जारी ऐसे बयान दिखते हैं जो न केवल उनके रिकार्ड और उपलब्धियों की प्रशंसा करने वाले होते हैं, बल्कि उम्मीदवार द्वारा खुद मतदाताओं से सीधी अपील करने वाले होते हैं। तो क्या ऐसे बयानों को समाचार नहीं मानते हुए पेड न्यूज मानना गलत होगा।
-चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी गौर करने को कहा कि क्योंकि इस तरह के सवाल चुनावों के दौरान अक्सर पूछे जाते हैं।
क्या है पेड न्यूज मामला
जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। मामला वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव का है, जब पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने पेड न्यूज की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने पेड न्यूज मामले में जांच करने के बाद उन्हें दोषी माना था। आयोग ने उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया था।
पूर्व विधायक ने लगाया था ये आरोप
दतिया से ही पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था और धारा 10A के तहत चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट से मिल गई थी राहत
मध्यप्रदेश के जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्र पिछले साल पेड न्यूज मामले में फंस गए थे। चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ मिश्र कोर्ट की शरण में चले गए थे। 18 मई को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बैंच उन्हें राहत दे दी थी।
अयोग्य घोषित हुए थे मिश्र
मंत्री नरोत्तम मिश्र को पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग ने तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया था। इस संबंध में मिश्र को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया था। कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि वे 15 दिनों के भीतर मामले को निपटा लें। इसके बाद 28 अगस्त 2017 को पंद्रह दिन पूरे होने के बावजूद मिश्र के वकील कोर्ट में उपस्थिति नहीं हुए, तो कोर्ट ने 7 सितम्बर की तारीख तय कर दी थी। तारीखों के बढ़ने का सिलसिला चलता रहा।