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भाजपा विधायक भारती ने माना-‘एट्रोसिटी एक्ट का होता है दुरुपयोग

locationभोपालPublished: Sep 18, 2018 12:14:29 am

Submitted by:

harish divekar

लहार से कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह के बाद अब भाजपा विधायक बोले विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे

This time could spoil the Sapaks electoral math

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चुनाव से ठीक पहले एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन को लेकर मचे बवाल ने राजनैतिक दलों में घबराहट पैदा कर दी है। भिंड जिले के लहार से कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह के बाद अब भाजपा विधायक प्रह्लाद भारती ने स्वीकार किया है कि एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग होता है। बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के नेताओं को सवर्णों का विरोध झेलना पड़ रहा है, जिसके चलते अब तक इस मामले पर चुप्पी साधे बैठे नेताओं ने बोलना शुरू कर दिया।
शिवपुरी में एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन को लेकर सपाक्स समाज सहित सर्वजन युवा शक्ति मोर्चा के लोगो ने पोहरी से बीजेपी विधायक प्रह्लाद भारती का घेराव किया और काले झंडे दिखाते हुए विरोध। इस दौरान विधायक प्रह्लाद भारती ने यह माना कि एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कांग्रेस शासन में दिग्विजय सिंह के समय से यह चला आ रहा है, हर एक्ट का सदुपयोग कम और दुरूपयोग ज्यादा होता है।
उन्होंने कहा वह विधायक हैं और उनके अधिकार क्षेत्र के हिसाब से विधानसभा में इस मुद्दे पर वह जरूर उठाएंगे।

भाजपा की 148 सीटें खतरे में
प्रदेश में सवर्ण एवं पिछड़े सीधे तौर पर 148 सीटों को प्रभावित करते हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री निवास पर शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के बीच मंथन भी हो चुका है। इस बैठक में तय हुआ है कि एट्रोसिटी का विरोध करने वालों को मनाने बडे नेताओं को आगे किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं की चिंता सवर्णों के सीधे प्रभाव वाली 148 सीटों को लेकर भी रही। वहीं आरक्षित वर्ग की कुल 82 सीटें हैं। अगर 2013 के विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो भाजपा ने सामान्य वर्ग की 148 सीटों में से 102 सीटों पर कब्जा जमाया था, जो राज्य में सामान्य बहुमत के आंकड़े से मात्र 14 सीटें दूर था।


अबकी बार 200 पार भूली भाजपा
सवर्ण विरोध में भाजपा अपना खास नारा अबकी बार 200 पार भूल गई है। जिस तरह से एट्रोसिटी का मुद्दा सुलग रहा है, उससे भाजपा को बहुमत तक पहुंचने में भी कठिनाई महसूस हो रही है।

इन सीटों पर सवर्ण और ओबीसी का दखल
श्योपुर, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अटेर, भिण्ड, लहार, मेहगाँव, ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर ईस्ट, ग्वालियर साउथ, भितरवार, सेवढ़ा, दतिया, पोहरी, शिवपुरी, पिछोर, कोलारस, बमोरी, चाचौड़ा, राघौगढ़, चंदेरी, मुंगावली, खुरई, सुरखी, देवरी, रहली, सागर, बण्डा, टीकमगढ, पृथ्वीपुर, निवाड़ी, खरगापुर, महाराजपुर, राजनगर, छतरपुर।
बीजावर, मलहेरा, पथरिया, दमोह, जबेरा, पवई, गुन्नौर, पन्ना, चित्रकूट, सतना, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, मउगंज, देवतालाब, रीवा, गुढ़, चुरहट , सीधी, सिंहावल, सिंगरौली, कौतमा, विजयराघवगढ़, मुड़वारा, बहोरीबंद, पाटन, बरगी, जबलपुर नार्थ, जबलपुर केन्ट, जबलपुर वेस्ट, पनागर, लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, सिवनी, केवलारी, नरसिंहपुर, तेन्दूखेड़ा, गाडरवाड़ा, चौरई, सौंसर, छिन्दवाड़ा, मुलताई, बैतूल, हरदा, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, उदयपुरा, भोजपुर, सिलवानी, विदिशा, बासौदा, सिरोंज, शमशाबाद, भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविन्दपुरा, हुजूर, बुधनी, इछावर, सीहोर, नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सुसनेर, शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल, देवास, हाटपिपल्या, खातेगाँव, मंधाता।

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