भाजपा विधायक की अलग विंध्य प्रदेश की मांग, सिंधिया ने कहा- मध्यप्रदेश अखंड है
1 नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ, तब यह मांग सामने आई थी।

भोपाल. मध्यप्रदेश में अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठा रहे भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने तलब किया था। वीडी शर्मा से मुलाकात के बाद नारायण त्रिपाठी ने कहा कि मैं अटल जी के सपने को साकार करने के लिए अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाता रहूंगा। हालांकि नारायण त्रिपाठी की इस मांग को भाजपा के सीनियर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खारिज कर दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश अखंड है।
क्या कहा नारायण त्रिपाठी ने
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात के बाद नारायण त्रिपाठी ने कहा मैं अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठा रहा हूं। उन्होंने कहा कि 2004 से मैं अलग विंध्य प्रदेश की मांग कर रहा हूं। अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि छोटे राज्य बने और में इसके लिए जनता के साथ मिलकर आंदोलन करता रहूंगा।
सिंधिया ने कहा- अखंड है मध्यप्रदेश
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये मांग किसने उठाई है मुझे इसकी जानकारी नहीं है। हम मध्यप्रदेश के टुकड़े नहीं होने देंगे। मध्यप्रदेश अखंड है और मिलकर इसका विकास करूंगा।
लंबे समय से उठ रही है मांग
बता दें कि बीते छह दशकों से मध्यप्रदेश में पृथक विंध्य राज्य की मांग उठ रही है। 1 नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ, तब यह मांग सामने आई थी। मप्र विधानसभा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे श्रीनिवास तिवारी भी इस मांग के पक्ष में थे। उन्होंने उप्र व मप्र के बघेलखंड व बुंदेलखंड को मिलाकर नया राज्य बनाने की मांग उठाई थी।

सुर्खियों में रहे हैं नारायण त्रिपाठी
नारायण त्रिपाठी बीते एक साल से सुर्खियों में हैं। विधानसभा सत्र में नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में वोटिंग की थी। इसके बाद भी वो लगातार कमलनाथ सरकार में सुर्खियों में रहे।
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