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भाजपा में बदलाव: बी एल संतोष बने भाजपा के नए संगठन महामंत्री, रामलाल को वापस आरएसएस भेजा – अब MP में भी सर्जरी के आसार

locationभोपालPublished: Jul 14, 2019 06:57:02 pm

2006 से रामलाल को बीजेपी में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी…

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रामलाल

भोपाल@आलोक पंड्या की रिपोर्ट…

लोकसभा 2019 में दोबारा केंद्र की सत्ता पर पूर्ण बहुमत के साथ काबिज होने वाली भाजपा ( BJP ) ने अपने संगठन में एक बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत भाजपा राष्ट्रीय महासचिव रामलाल को इस पद से हटाकर आरएसएस में अखिल भारतीय सहसंपर्क प्रमुख नियुक्त किया गया है। वहीं उनकी जगह पर बीएल संतोष को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया।
जानकारों के अनुसार रामलाल ( ramlal ) भाजपा में एक प्रमुख रणनीतिकार के रूप में काम करते रहे हैं और संघ व पार्टी के बीच की कड़ी थे। उन्हें भाजपा की हर बड़ी बैठक में देखा जाता था।

वहीं सूत्रों से आ रही सूचना के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) संगठन महासचिव रामलाल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( RSS ) का सह संपर्क प्रमुख बनाया गया है। ज्ञात हो कि 2006 से रामलाल को बीजेपी में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं अब हुए बदलाव के बाद उनकी ये जिम्मेदारी बीजेपी के बीएल संतोष निभाएंगे।
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मध्यप्रदेश में भी पड़ेगा प्रभाव! : Effect in Madhya pradesh…
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव रामलाल को इस पद से हटाए जाने के बाद अब जल्द ही मध्यप्रदेश ( BJP MP BJP ) में भी सर्जरी होने के संकेत मिल रहे हैं। बताया जाता है कि काफी समय से मध्यप्रदेश भाजपा संगठन में सर्जरी की बातें उठ रहीं थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।
वहीं सूत्रों के अनुसार केंद्र में हुई इस सर्जरी के बाद अब ये तकरीबन साफ हो गया है कि भाजपा संगठन में सर्जरी का कार्य शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि ऐसे में लंबे समय से मांग के बाद अब मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) में भी प्रदेश संगठन महामंत्री ( BJP MP BJP ) सुहास भगत व कई संभागीय संगठन मंत्रियों को ही हटाया जा सकता है।
इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल की मौजूदगी में ही सपना चौधरी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी।

वहीं भोपाल से सांसद चुनी गईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने के मामले में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की थी।
पीएम ने तो यहां तक कहा था कि वो मन से कभी भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को माफ नहीं कर सकेंगे। वहीं एक समाचार पत्र द्वारा जब भाजपा के अनुशासनात्मक कमेटी के सदस्य सत्यदेव सिंह से जब इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा, “मुझे कुछ नहीं मालूम। प्लीज हमारे संगठन महासचिव रामलालजी से संपर्क करें।” जब रामलाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन कॉल नहीं उठाया।
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अब रामलाल की भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पद से हटाकर वापस संघ में भेज दिया गया है, उनको वहां राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख बनाए जाने की चर्चा है।

दरअसल 2005 में बीजेपी के संगठन महासचिव संजय जोशी की सेक्स सीडी आने के बाद उन्हें बीजेपी से पद मुक्त किया गया था, उसके बाद 2006 की शुरुआत से रामलाल बीजेपी में संगठन महासचिव का काम देख रहे हैं।

बताया जाता है कि बीजेपी के केंद्र में संगठन महामंत्री और प्रदेश में संगठन मंत्री संघ से भेजे जाते हैं, जो पार्टी में संगठन, संघ और बीजेपी के बीच में समन्वय का काम देखते हैं। बीजेपी में पार्टी अध्यक्ष के बाद संगठन महासचिव का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है।

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वहीं इस बदलाव को लेकर कुछ समय से लगातार सूचनाएं आ रही थी, पहले चर्चा थी कि संगठन महामंत्री के रूप में रामलाल से आरएसएस नाराज था, इसी वजह से उन्‍हें इस महत्‍वपूर्ण पद से हटाया जा सकता है।
वहीं बताया जा रहा है कि विजयवाड़ा में पिछले दो दिनों से प्रांत प्रचार की बैठक में रामलाल को उनके पद से हटाने का फैसला लिया गया। चर्चा है कि रामलाल की कार्यशैली से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ नाराज था, जिसके चलते उन्‍हें हटाने का फ़ैसला लिया गया है।
https://twitter.com/BJP4India?ref_src=twsrc%5Etfw
इससे पहले कल शनिवार को आई सूचना के अनुसार वी सतीश को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किए जाने की बात समाने आ रही थी, लेकिन रविवार को पार्टी की ओर से बी एल संतोष के नाम का पत्र जारी कर दिया गया।
https://twitter.com/ANI/status/1150022560693854208?ref_src=twsrc%5Etfw
करीब एक दशक से रामलाल बीजेपी के संगठन महामंत्री का पद संभाल रहे थे। अब उन्‍हें मूल संगठन में वापस बुला लिया गया है। संपर्क प्रमुख की जिम्मेदारी अनिरुद्ध देशपांडे के पास है, लिहाजा रामलाल अब सह संपर्क प्रमुख की जिम्‍मेदारी संभालेंगे।
दूसरी ओर, आरएसएस ने गोपाल आर्य को पर्यावरण गतिविधियों का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया है। सामान्य रूप से प्रतिनिधि सभा की बैठक में ऐसे फ़ैसले लिए जाते रहे हैं, लेकिन नवंबर में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले प्रांत प्रचारक की बैठक में ऐसा निर्णय लिया गया है।

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