विधानसभा चुनाव 2018: प्रदेश स्तर से बूथ स्तर तक इस तरह मोर्चा संभालेगी भाजपा
विधानसभा चुनाव 2018: प्रदेश स्तर से बूथ स्तर तक इस तरह मोर्चा संभालेगी भाजपा

भोपालः मध्य प्रदेश की राजनीति के लिए बेहद अहम है साल 2018, क्योंकि यही वह साल है, जिसमें प्रदेश की आगामी पांच सालों की सत्ता की बागडोर संभालने वाले दल का फैसला होगा। इसके लिए करीब करीब सभी दल अपनी अपनी सक्रियता प्रदेश में बढ़ाने लगे हैं। लेकिन अगर जमता के नज़रिये से देखें तो, मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस का रोल बड़ा है और दोनो ही पार्टियां अपने पूरे दम खम के साथ मैदान में नज़र आने लगी हैं। खैर, बात करते हैं पंद्रह साल से प्रदेश की सत्ता की बगडोर संभलाने वाली भारतीय जनता पार्टी की। बता दें कि, जैसे जैसे विधानसभा चुनाव तारीख़ें नज़दीक आ रही हैं, वैसे वैसे भाजपा खुद को मज़बूत करने में जुटी है, फिर चाहे वो ज़मीनी तौर पर मज़बूती हो या फिर, तकनीकी तौर पर, भाजपा खुद को प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक मज़बूत करने की रणनीति बना चुकी है।
इसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर पलटवार के लिए प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक 'वार रूम' तैयार कर लिए हैं। इसके लिए राजधानी भोपाल में जहां 50 लोगों की टीम 24 घंटे सोशल मीडिया पर मोर्चाबद्ध रहेगी, साथ ही पार्टी के संगठनात्मक दृष्टि से बनाए गए 56 जिलों में 11-11 कार्यकर्ताओं की टीमें बनाई हैं। वहीं, मंडल स्तर पर 6-6 कार्यकर्ताओं की टीम सोशल मीडिया में जिले व प्रदेश से आई सामग्री, वीडियो, ऑडियो को वायरल करने का काम करेंगे।
इसी तरह पार्टी ने सबसे बड़ी फौज बूथ स्तर पर तैयार की है। प्रदेश के 65 हजार बूथ में पार्टी के सोशल मीडिया का काम करने के लिए प्रति बूथ दो-दो कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। राजधानी से लेकर बूथ तक के लगभग दो लाख इन कार्यकर्ताओं को पार्टी के आईटी सेल ने बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया है। पार्टी की रणनीति के तहत हर बूथ पर कम से कम तीन या ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप तैयार किए गए हैं जो मतदाताओं को पार्टी के घोषणा पत्र से कर हर गतिविधि से अवगत कराएगा। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की बेहतर योजनाओं की जानकारी देगा। साथ ही,कार्यकर्ताओं को यह हिदायत भी दी गई है कि, जिस व्हाट्सएप ग्रुप पर राजनीतिक बहस चल रही हो, उसमें वह सक्रिय हों और पूरे आत्मविश्वास के साथ पार्टी का पक्ष रखें, जवाब देने में संयम बरतें। सकारात्मक जवाब दें और किसी से भी अभद्र शब्दों का इस्तेमाल ना करें।
रिसर्च टीम द्वारा तैयार सामग्री को भेजकर उन पर फीडबैक भी लेगा। यही टीम सोशल मीडिया में पार्टी के खिलाफ चलने वाले किसी भी तरह के मुद्दे पर जवाब भी देगा। प्रयोग के तौर पर भाजपा ने कुछ वीडियो बनाकर उन्हें वायरल भी किया, जिसके परिणाम पार्टी को बेहतर मिले हैं। वीडियो अपलोड करते ही चंद मिनटों में ये प्रदेश भर में वायरल हो गए। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि सोशल मीडिया के दायरे में चार करोड़ मतदाता होंगे।
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