scriptEffect of chitrakoot election defeat: शिवराज बोले चित्रकूट की गलती अब मुंगावली-कोलारस में नहीं दोहराना | BJP Planned Mungaoli Kolaras Election after Chitrakoot Election Result | Patrika News

Effect of chitrakoot election defeat: शिवराज बोले चित्रकूट की गलती अब मुंगावली-कोलारस में नहीं दोहराना

locationभोपालPublished: Nov 14, 2017 12:12:46 pm

मुख्यमंत्री ने समीधा पहुंचकर क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन से की चर्चा,प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी हार के कारणों पर हुआ मंथन।

BJP karyalay bhopal
भोपाल। चित्रकूट में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पार्टी में हाहाकार मच गया है। सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने पहले संघ कार्यालय पहुंचकर इस मामले में चर्चा की और उसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी तकरीबन दो घंटे तक हार के कारणों पर मंथन हुआ। सूत्रों के मुताबिक बैठक में चित्रकूट की हार के पीछे प्रत्याशी चयन में सही निर्णय न ले पाना, एंटी इनकमबेंसी, प्रमोशन में आरक्षण और भावांतर की सही छवि ना बन पाना माना गया है।
मंत्रालय में बैठकों का सिलसिला निपटाने के बाद शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से साथ संघ कार्यालय समिधा पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक संघ कार्यालय में चित्रकूट उपचुनाव में पार्टी की पराजय पर क्षेत्र प्रचार अरुण जैन के साथ सीएम की चर्चा हुई।
इस बैठक में न केवल चित्रकूट बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र में भाजपा के गिरते जनाधार पर भी विचार किया गया। पार्टी अब विंध्य में कुछ नए चेहरों को सामने ला सकती है।

समीधा से निकलकर मुख्यमंत्री और सुहास भगत प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां चुनाव प्रबंधन टीम के सदस्य और प्रदेश सरकार के मंत्री उमाशंकर गुप्ता, राजेंंद्र शुक्ला, सांसद मनेाहर ऊंटवाल, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लूनावत पहल से मौजूद थे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में चित्रकूट में मिली हार के कारणों पर मंथन किया गया। सूत्रों के मुताबिक सीएम ने बैठक में साफ कहा कि जो गलतियां हमने चित्रकूट में की हैं, वो मुंगावली और कोलारस में नहीं दोहराना है।
किसी भी हालत में यह दो उपचुनाव जीतना ही है। बैठक में चित्रकूट की हार के पीछे सबसे बड़ा कारण प्रत्याशी चयन में गलत निर्णय माना गया। प्रदेश चुनाव समिति के द्वारा दस नामों का पैनल बना देने से कई दूसरे दावेदारों की उम्मीद बढ़ गई और बाद में टिकट ना मिलने से उनकी नाराजगी झेलनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह भी सामने आया कि भावांतर की सही छवि ना बनना और किसानों की इस योजना के प्रति नाराजगी भी हार का एक प्रमुख कारण रही।
सूत्रों के मुताबिक सीएम ने मुंगावली और कोलारस के लिए अभी से पार्टी के पदाधिकारियों को तैयारी में जुटने की हिदायत दी है। आने वाले दिनों इन दोनों क्षेत्रों में संगठन के कुछ बड़े नेताओं को भेज कर वहां की ग्राउंड रिपोर्ट निकाली जाएगी। भोपाल से बाहर प्रवास पर रहने के कारण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान बैठक में मौजूद नहीं रहे।
सरताज बोले समय रहते संभल जाना जरूरी:
भाजपा को चित्रकूट में मिली हार के बाद पार्टी के भीतर से ही प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने इस मामले में कहा है कि ये संकेत एक चेतावनी है और हमें समय रहते संभल जाना चाहिए।
पत्रिका से चर्चा करते हुए सरताज ने कहा कि चित्रकूट में हार के दो मुख्य कारण जीएसटी और भावांतर रहे। जीएसटी के कारण व्यापारी परेशान था, तो वहीं भावांतर योजना को हम सही तरीके से किसानों को नहीं समझा पाए। इस कारण से माहौल बिगड़ गया। सरताज ने कहा कि जनता में नाराजगी है लेकिन समय रहते हम इसे ठीक कर सकते हैं। अब आने वाले समय पर ही निर्भर है कि हम कैसे सुधार करते हैं।
इधर, मलैया बोले अंबानी भी लेते हैं कर्ज:
वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा कि कर्ज लेना कोई पाप नहीं है। समझदार आदमी के लिए कर्ज वरदान होता है। मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी भी कर्ज लेते हैं। कर्ज कांग्रेस भी लेती थी, कर्ज हम भी लेते हैं। तब कर्ज अभिशाप था, आज वरदान है। वॉच लीग संस्था के 2017 कॉन्क्लेव में सोमवार को मुख्य अतिथि मलैया ने कर्ज के पक्ष में तर्क दिया कि हमारी सरकार जब से आई है तब से राजस्व आधिक्य है।
राजकोषीय घाटा तय सीमा में ही है। उनका कहना है कि हम अपनी कुल जीएसजीपी का 25 प्रतिशत तक कर्ज ले सकते हैं। हम उससे कम ही है। 2003-04 में वह 35 प्रतिशत था। तब अपनी कुल राजस्व आय का 20.21 प्रतिशत ब्?याज दिया जाता था।
कॉन्क्लेव के संवाद सत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि हमें अमीरीका या चीन जैसा विकास नहीं चाहिए। हमें अपनी परंपराओं से जुड़ा विकास चाहिए। कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह विशिष्ट अतिथि थे। चर्चा में मप्र राज्य निर्वाचन आयोग आयुक्त आर परशुराम, रिटायर्ड डीजीपी एसके राउत, रिटायर्ड डीजीपी बीएसएफ एनके त्रिपाठी, एसीएस एसआर मोहंती, मप्र सिया के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
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