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जानिये, अमित शाह के सामने किसने कहा- मैं जो बोलूंगा आप सुन नहीं पाओगे…

locationभोपालPublished: Aug 20, 2017 10:50:00 am

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संवाद के दौरान पूर्व विधायकों व पूर्व सांसदों का बरसों से दबा दर्द फूट पड़ा।

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भोपाल। अमित शाह के संवाद के दौरान यहां बैठे कई पूर्व विधायकों व पूर्व सांसदों का बरसों से दबा दर्द अचानक ही सामने आ गया। जिसके बाद पूर्व विधायक दुलीचंद जैन ने कहा- ‘मैं जो बोलूंगा आप सुन नहीं पाओगे, इसलिए कागज में लिखकर देता हूं, फुर्सत में पढ़ लेना, अच्छा लगे तो अमल कर लेना।’ इस पर शाह ने कहा- कोई बात नहीं आप लिखकर दीजिए। जैन ने कहा- हमारी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन वर्तमान विधायक ओमप्रकाश सकलेचा को जनता-संगठन की फिक्र उन्हें नहीं है। सकलेचा ही चुनाव लड़े, तो पार्टी जावद से हार जाएगी। जैन ने बाद में मीडिया से भी यही दोहराया। सिर्फ जैन ही नहीं 25 से ज्यादा पूर्व विधायकों व पूर्व सांसदों ने लिखित में शाह को सुझाव दिए हैं।
पार्टी का मजाक मत बनाओ
पार्टी पदाधिकारियों से शाह बोले- विपक्ष के लिए आपने क्या-क्या किया? संगठन का मजाक मत बनाओ। किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह रावत को शाह ने कहा- प्रदेश के किसानों को पार्टी से क्यों नहीं जोड़ते? उन्हें जोड़ों और काम दो। पूर्व विधायकों ने पार्टी में तवोज्जो नहीं मिलने और सत्ता-संगठन में समन्वय की कमी की समस्या को भी उठाया। किसानों की समस्या पर भी ध्यान देने की बात कही। पूर्व विधायकों ने खुलकर कहा कि किसानों की समस्या को सुना जाना चाहिए, वरना सरकार के लिए आगे चलकर मुश्किल खड़ी हो जाएगी। अफसराशाही और भ्रष्टाचार की समस्या पर भी बात हुई।
सुहास को दीं नसीहतें
संगठन महामंत्री सुहास भगत से शाह बोले- आप जिलों में प्रवास क्यों नहीं करते? यहां रहने और बार-बार दिल्ली जाने से काम नहीं चलेगा। जिलों में जाओ, प्रवास करो,लोगों से सम्पर्क करो। यहां समितियां ही नहीं बन पाई हैं। शाह ने प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार को भी नाराज होकर कहा- तीन साल हो गए, पर जिलों में कार्यकारणियां तक नहीं बनी।
उद्योगपतियों ने शाह के सामने रखीं पीड़ा
देश में विदेशी कंपनियां आ जाने के कारण प्रतिस्पर्धा अधिक बढ़ गई है। व्यवसाय करने में परेशानी हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने उद्योगपतियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए यह बात कही।
शाह ने शनिवार को शहर के उद्योगपति, बिल्डर, शिक्षाविदों, डॉक्टर, खिलाडि़यों, फिल्म-टीवी कलाकारों से चर्चा की। उद्योगपतियों की पीड़ा को सुनते हुए शाह ने उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रतिस्पर्धा के दौर में यदि भारतीय कंपनियों को यदि नुकसान होता है तो उन्हें राहत दी जाएगी। भारतीय कंपनियों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, इसके लिए कोटा फिक्स किया जाएगा।
जैनरिक दवाओं को लेकर पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि जैनरिक दवाओं के आने से ब्रांडेड दवाईयां भी सस्ती हो गई है। कुछ लोगों ने आतंकवाद और चीन द्वारा लगातार युद्घ थोपने की खबरों पर भी शाह से सवाल किए। इस पर उन्होंने कहा कि देश में हो रहे आतंकवादी हमलों को लगातार कुचला जा रहा है। हम ऐसे लोगों से अच्छी तरह से निपटना जानते हैं।
शहीदों को श्रद्धांजलि
शाह रात 9:30 बजे शौर्य स्मारक पहुंचे और यहां बने शौर्य स्तंभ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सहेजी गई भारतीय सैन्य शक्तियों व शौर्य गाथाओं को जाना।

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ये लिखा विजिटर बुक में
राज्य शासन का अनुकरणीय और अभिनंदन करने योग्य कार्य है। मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसके लिए साधुवाद देता हूं।
अमित शाह

संतों से बोले शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश के साधु-संत समाज को कहा-जब बहुमत में जनादेश मिलता है तो जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। भाजपा की ताकत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। पार्टी इसी मूल विचार के साथ खड़ी है और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ा रही है।
 सीएम हाउस में शनिवार को आयोजित साधु-संतों और विभिन्न समाज के पदाधिकारियों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संवाद किया। इसमें चुंनिदा संत-समाज ही था।

बात रखने का मौका नहीं मिला
भोपाल से गायत्री शक्तिपीठ, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विवि से एक-एक प्रतिनिधि पहुंचे थे। करुणाधाम आश्रम से एक प्रतिनिधि मौजूद थे। इस पर मप्र पुजारी महासंघ अध्यक्ष पंडित नरेंद्र दीक्षित ने आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि भोपाल के संत-पुजारियों की सरकार ने अनदेखी की है। भोपाल के साधु-संतों का अपमान हुआ है, हम आपत्ति दर्ज कराएंगे। जो संत पहुंचे थे उन्हें भी बात रखने का मौका नहीं मिला। हिंदु उत्सव समिति के नारायण सिंह कुशवाहा ने बताया कि उम्मीद थी कि कुछ चर्चा होगी पर भीड़ के बीच ज्ञापन सौंपना पड़ा।
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