वहीं इसके बाद भाजपा ने जब मालेगांव बम कांड की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीवार बनाया तो भोपाल लोकसभा क्षेत्र ‘हॉट सीट’ में तब्दील हो गया।
ऐसे बदला सीट का मिजाज:
1984 से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन, गैस त्रासदी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर लोकसभा का चुनाव नहीं जीत पाई है।
गैस त्रासदी के एक महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के केएन प्रधान ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से अब तक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है।
भाजपा का कब्जा:
लगातार तीन दशक से भाजपा के कब्जे में है। इस दौरान कुल हुए 8 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 5 बार कायस्थ वर्ग से प्रत्याशी मैदान में उतारे, जिसमे चार मर्तबा प्रदेश के पू्र्व मुख्य सचिव रहे स्वर्गीय सुशीलचंद वर्मा यहां से सांसद रहे और वर्तमान में आलोक संजर सांसद हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट पर 1989 में पहली बार इस लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सुशील चंद्र वर्मा ने यहां से जीत हासिल की।
यहां से हार चुके हैं डॉ. शंकर दयाल शर्मा:
भोपाल लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ तब कांग्रेस की मैमुना सुल्तान यहां पर जीत हासिल की थीं। इसके बाद अगले चुनाव में भी वे फिर से इस क्षेत्र की सांसद बनी।
इस सीट से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा भी सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 1971 और 1980 के चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी। 1977 के चुनाव में डॉ. शंकर दयाल शर्मा चुनाव हार गए। उन्हें भारतीय लोकदल के आरिफ बेग ने शिकस्त दी।
उमाभारती ने कांग्रेस के दिग्गज नेता को दी शिकस्त :
1999 में हुए लोकसभा चुनाव में उमा भारती ने यहां से जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुरेश पचौरी को मात दी। इसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी यहां से दो बार 2004 और 2009 में जीतकर संसद पहुंचे।
2014 का जनादेश :
2014 के लोकसभा चुनाव में आलोक संजर ने कांग्रेस के प्रकाश मंगीलाल शर्मा को पराजित किया था। आलोक संजर को इस सीट में 7,14,178 (63.19) फीसदी वोट मिले थे। वहीं प्रकाश मंगीलाल को 3,43,482 (30.39 फीसदी) वोट मिले थे। आलोक संजर ने प्रकाश मंगीलाल को 3,70,696 वोटों से हराया था। इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजपी के कैलाश जोशी ने जीत हासिल की थी।
उन्होंने कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह ठाकुर को हराया था। इस चुनाव में कैलाश जोशी को 3,35,678 वोट मिले थे. वहीं सुरेंद्र सिंह ठाकुर को 2,70,521 वोट मिले थे। कैलाश जोशी करीब 65 हजार वोटों से विजयी रहे थे।
विधानसभा क्षेत्र :
भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य,बेरसिया, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, हुजूर, सिहौर, नरेला और गोविंदपुरा यहां की विधानसभा सीटें हैं।
1957 : मैमुना सुल्तान(कांग्रेस) : हरदयाल देओगन(हिंदू महासभा)
1962 : मैमुना सुल्तान(कांग्रेस) : ओमप्रकाश(हिंदू महासभा)
1967 : जेआर जोशी(जनसंघ) : मैमुना सुल्तान(कांग्रेस)
1971 : डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस) : भानूप्रकाश सिंह(जनसंघ)
1977 : आरिफ बेग (लोकदल) : डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस)
1980 : डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस) : आरिफ बेग(जनता पार्टी)
1984 : केएन प्रधान (कांग्रेस) : लक्ष्मीनारायण शर्मा(भाजपा)
1989 : सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) : केएन प्रधान (कांग्रेस)
1991 : सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) : मंसूर अली खान पटौदी(कांग्रेस)
1996 : सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) : कैलाश अग्निहोत्री(कांग्रेस)
1998 : सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) : आरिफ बैग(कांग्रेस)
1999 : उमाभारती(भाजपा) : सुरेश पचौरी(कांग्रेस)
2004 : कैलाश जोशी (भाजपा) : साजिद अली(कांग्रेस)
2009 : कैलाश जोशी (भाजपा) : सुरेंद्र सिंह ठाकुर(कांग्रेस)
2014 : आलोक संजर (भाजपा) : पीसी शर्मा (कांग्रेस)