भाजपा ने करीब 65,200 अल्कालिक विस्तारकों को 11 से 18 फरवरी तक प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों पर भेजा था। इन विस्तारकों को घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करने के साथ ही संबंधित बूथ पर भाजपा की स्थिति का फीडबैक भी लेना था। पार्टी ने अल्पकालिक विस्तारकों से मिले फीडबैक के आधार पर विधानसभावार रिपोर्ट तैयार कर ली है।
यह रिपोर्ट 13 मार्च को प्रदेश पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में रखी जाएगी। बैठक में इस रिपोर्ट पर मंथन के बाद दो-दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक प्रभारी का नाम तय होगा। पार्टी प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों के साथ जिलास्तर के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाएगी।
-अगर भाजपा का विधायक है तो उसकी स्थिति क्या है। दूसरे दावेदारों की क्या स्थिति है।
-वहां के सामाजिक-जातिगत समीकरण क्या है।
-उस विधानसभा में समस्याएं क्या हैं। क्या काम चुनाव से पहले होना चाहिए।
-कांग्रेस का विधायक है तो पार्टी को कितनी मेहनत करना है।
– सत्येंद भूषण सिंह , प्रदेश कार्यालय मंत्री, भाजपा मप्र
लाइसेंसी शस्त्रधारकों को अब सॉफ्टवेयर में करानी होगी एंट्री
दूसरे तरफ नए नियमों में अब राजधानी के लाइसेंसी शस्त्र धारकों को अब नेशनल डाटाबेस फॉर आम्र्स लाइसेंस नामक सॉफ्टवेयर में एंट्री करवानी होगी। इस सॉफ्टवेयर में एंट्री के बाद प्रशासन की तरफ से लाइसेंस धारकों को एक यूआईएन नंबर जारी किया जाएगा।
गृह मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशों के बाद कलेक्टोरेट स्थित शस्त्र शाखा से भी इसकी जानकारी ली जा सकती है। सॉफ्टवेयर में एंट्री करने के बाद यूआईएन नंबर के लिए आवेदन भी कलेक्टोरेट स्थित शाखा से प्राप्त किया जा सकता है। अब इस नंबर के बाद ही शस्त्र की वैधता मानी जाएगी। नंबर की एंट्री शस्त्र लाइसेंस पर भी अंकित की जाएगी।
सभी शस्त्र धारकों को 15 मार्च से पहले सॉफ्टवेयर में एंट्री कराने के बाद यूआईएन नंबर के लिए कलेक्टोरेट स्थित शस्त्र शाखा में आवेदन करना होगा। बिना यूआईएन नंबर के लाइसेंस अवैध माना जाएगा।