विधानसभा चुनावों से पहले जहां राहुल ने किसानों की कर्जमाफी को अपना ब्रह्मास्त्र बनाया, वहीं माना जा रहा है कि अब एक बार फिर राहुल अपने तरकश से लोकसभा से पहले किसी नए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा लगातार उनके तीरों की काट की तैयारी में जुटी हुई है।
ये है भाजपा की तैयारी…
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनावों को देखते हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के मुद्दे पर सत्ता गंवाने वाली भाजपा अब इन राज्यों में किसान कर्जमाफी को मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेसशासित पंजाब में भी किसानों के हालात को लेकर आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
कांग्रेसशासित इन राज्यों को लेकर पार्टी का मानना है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। जबकि किसान कर्जमाफी के नाम पर किसानों को 30 से 50 रुपए दिए जा रहे हैं।
पार्टी की ओर से राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में किसानों के बीच जाकर आंकड़ा जुटाया जा रहा है, जिससे की जमीनी हकीकत का पता चल सके। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मिले निर्देश के बाद किसान मोर्चा ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
सूत्रों के मुताबिक 30 जनवरी तक सभी राज्यों की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी जाएगी, ताकि किसान विरोधी होने का जो तमगा कांग्रेस देती रही है, भाजपा उसका जवाब दे सके।
गांव-गांव में बात पहुंचाएंगे कार्यकर्ता
किसानों की समस्या से संबंधित आंकड़ों को जुटाने में केवल भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि पार्टी के दूसरे संगठनों के पदाधिकारी भी मदद करेंगे।
इसके लिए गांव-गांव के कार्यकर्ताओं को संदेश भिजवाया जा रहा है कि किसानों की हालात पर रिपोर्ट तैयार करें। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट को आधार बनाकर पार्टी लोकसभा चुनाव का एजेंडा भी तय करेगी।
भाजपा किसान मोर्चो के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कांग्रेस झूठा दिखावा कर रही है। जिस तरह की खबरें सुर्खियां बन रही है उससे साफ है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसान परेशान हैं।
इधर, विश्व हिंदू परिषद बोली: घोषणा-पत्र में मंदिर डाल दे तो हम कांग्रेस के साथ VHP with congress!
वहीं दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद ने राममंदिर निर्माण के लिए अब गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दी है। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कांग्रेस अगर राममंदिर का मुद्दा चुनावी घोषणा पत्र में डाल दे तो हम उस पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमारे लिए रास्ते बंद कर रखे हैं और भाजपा पर हमें विश्वास नहीं है कि वह कोई कदम उठाएगी। ऐसे में हमें दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना होगा। कुंभ में विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि सरकार अब राम मंदिर पर कानून नहीं बनाएगी, इसलिए संतों की धर्म संसद में हम अन्य विकल्पों को भी उनके सामने रखेंगे। हालांकि हमें यह भी विश्वास है कि 2025 तक अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा।
बीजेपी इस बार भी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर प्रचार अभियान चलाएगी। पार्टी के सभी पोस्टर, बैनर में मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की ही तस्वीर नजर आएगी।
भाजपा मोदी के दौरे बनाने में आदिवासी सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी। प्रदेश की पांच सीटें झाबुआ, धार, बैतूल, मंडला और खरगोन अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा को डर है कि इस बार आदिवासी वोट बैंक उसके हाथ से खिसक सकता है।
केंद्रीय संगठन ने प्रदेश संगठन से पूछा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सभाएं प्रदेश में कहां-कहां रखी जाएं और उसके पीछे के कारण तत्काल भेजे जाएं। प्रदेश संगठन जल्द ही मोदी की सभाओं का एक प्रस्तावित प्लान दिल्ली भेजने जा रहा है।
प्रभारियों ने अलग-अलग की नेताओं से मंत्रणा…
लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। शनिवार को उन्होंने प्रदेश के दिग्गज नेताओं के घर पहुंचकर उनसे अलग-अलग चर्चा की।