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अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी, चाहे गौर ही क्यों न हों : राकेश

locationभोपालPublished: Dec 09, 2018 09:13:45 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी, चाहे गौर ही क्यों न हों : राकेश

bjp State President rakesh singh

bjp State President rakesh singh

भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूबाल गौर पर भाजपा अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। उनके बिगड़ैल बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने साफ कहा है कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वो बाबूलाल गौर ही क्यों ना हों।

उन्होंने कहा कि गौर ने मीडिया में क्या कहा है, इसका पता लगवाया जा रहा है। गौर ने शुक्रवार को टिकट वितरण को लेकर भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इससे पार्टी नेता नाखुश हैं।

‘बहू को टिकट नहीं देते तो हम भी देख लेते’

बाबूलाल गौर ने शनिवार को मीडिया से कहा, मुझे टिकट नहीं देकर भाजपा ने पक्षपात किया है। अगर मेरी बहू कृष्णा गौर को टिकट नहीं देती तो फिर हम भी देख लेते। एग्जिट पोल पर बोले, यह न तो भगवान है और न ही खुदा। प्रदेश में भाजपा 120 सीटें लाकर फिर सरकार बनाएगी।

जिम्मेदार पीठासीन अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

डेढ़ सौ मतदान केन्द्रों में मॉकपोल के वोट भी जुड़े प्रत्याशियों के खाते में

भोपाल. प्रदेश के कई जिलों में ईवीएम देरी से पहुंचने का विवाद अभी समाप्त नहीं हुआ कि चुनाव आयोग के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में लगभग डेढ़ सौ मतदान केंद्रों पर मॉक पोल के वोट भी प्रत्याशियों के खाते में जुडऩे का मामला सामने आया है। इस तरह की आशंका प्रेक्षकों ने आयोग से व्यक्त की है।

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प्रेक्षकों ने बताया, करीब 150 मतदान केन्द्रों में क्लोज, रिजल्ट और क्लियर (सीआरसी) बटन दबाए बिना ही पीठासीन अधिकारियों ने वोटिंग करा दी, जबकि मॉकपोल के बाद पीठासीन अधिकारियों को सीआरसी बटन दबा कर उसमें पुरानी वोटिंग प्रक्रिया को बंद करना था। ऐसे में अब इन पीठासीन अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। जिन केन्द्रों पर इस तरह की शिकायत है, वहां पहले वीवीपैट की पर्ची से गणना की जाएगी। अगर इसमें भी किसी तरह का अंतर आता है तो पुनर्मतदान कराया जाएगा।

डेढ़ सौ …

यह मामला तब उजागर हुआ, जब प्रेक्षकों ने पीठासीन अधिकारियों से चुनाव प्रक्रिया में हुई चूक के संबंध में जानकारी ली। इस पर डेढ़ सौ से अधिक पीठासीन अधिकारियों ने प्रेक्षकों को इस गलती के संबंध में बताया। बाद में करीब बीस पीठासीन अधिकारियों ने सीईओ कार्यालय में लिखित आवेदन दिया है। सूत्रों के अनुसार कई पीठासीन अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी इस गलती को अभी भी आयोग के सामने नहीं बताया है। अब इनकी गलती मतणना के दौरान ही सामने आएगी।

इस बार रिजल्ट आने में होगी देरी

कांग्रेस की शिकायत के बाद अब पीठासीन अधिकारी और ऑब्जर्वर हर राउंड की मतगणना के बाद प्रत्याशियों को उस राउंड के वोट का एक प्रमाण पत्र देंगे। इसके बाद ही अगले राउंड की मतगणना शुरू होगी। इस कारण रिजल्ट आने में 3-4 घंटे की देरी होगी।

राजस्थान : एक बूथ पर पुनर्मतदान

श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर 10 दिसंबर को दोबारा मतदान होगा। मतदान से पहले मॉक ड्रिल के दौरान डाले गए वोटों का डेटा ईवीएम से न हटाने (डिलीट) के कारण चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया।

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