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भोपाल

BJP संगठन प्रभारी का बडा बयान: 2018 की जीत तय, शुरू करें तैयारी

भाजपा कार्यालय में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, विनय सहस्त्रबुद्धे बोले नकारात्मकता के चलते कांग्रेस भारतीय राजनीति से अप्रांसगिक होती जा रही है।

भोपालJul 22, 2017 / 03:51 pm

दीपेश तिवारी

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BJP state working committee meeting


भोपाल। हमें 2018 में विक्रम विजय प्राप्त करना है। प्रदेश के तीन दर्जन से अधिक नगरीय निकाय चुनावों में एक तरफा जीत दर्ज कर हमें कांग्रेस द्वारा किसान आंदोलन को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम का उसे करारा जवाब देना है। यह बातें शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई कहीं। 

प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी नकारात्मकता के कारण धीरे-धीरे भारतीय राजनीति से अप्रांसगिक होती जा रही है। इन चुनावों से हमें यह बात जनता के बीच प्रमाणित करना है। सहस्त्रबुद्धे ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाए जाने पर कहा कि यह भाजपा के अंत्योदय के सिद्धान्त का प्रतीक है। उनके राष्टपति बनाए जाने पर दलित बस्तियों में जाकर उत्सव मनाना है। 




लोकल संगठन को दिलाएं विश्वास:
विनय सहस्त्रबुद्धे ने जनप्रतिनिधियों को साफ शब्दों मे नसीहत दी कि वे स्थानीय संगठन के नेताओं को विश्वास में लेकर ही भूमिपूजन समेत अन्य कार्यक्रम करें।

राजनीतिक प्रस्ताव रामेश्वर शर्मा ने पेश किया, इसमें विधानसभा चुनाव के लिए ‘अबकी बार-200 पार’ का नारा दिया गया। इसके साथ ही प्रस्ताव में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का जिक्र किया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि पहले एक बजरंगी बोला अब दूसरे बजरंगी को बुलाया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सदन का तापमान बढ़ गया है, मैंने पुराने रंग में भाषण दिया तो यहां आग लग जाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि कांग्रेस अब भारतीय राजनीति में अप्रासंगिक हो गई है। पार्टी के लिए हर चुनाव चुनौतीपूर्ण हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मंदसौर में किसान क्रांति नहीं, दंगा हुआ था। जो मुठ्ठी भर लोगों ने किया था। आग लगाने के लिए कुछ लोग ही काफी हैं।

कांवड़ लेकर निकले मंत्री रामपाल
लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह शुक्रवार को रायसेन जिले के बैरास में नर्मदा जल के साथ निकली कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। हजारों कावंड़ियों के साथ मंत्री सिंह इस यात्रा में पैदल चले। यह यात्रा बैरास से होकर रायसेन के अन्य जिलों से गुजरेगी।




वहीं प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने पिछले तीन महीनों में हुए पार्टी के संगठनात्मक कार्यो का ब्यौरा देते हुए कहा कि भाजपा ने हर मंडल में किसान संदेश यात्रा का आयोजन किया और मोदी फेस्ट के तहत भी हम गांव-गांव तक गए। उन्होंने कहा कि हम नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए भी अभियान चला रहे हैं।

राजनीतिक प्रस्ताव में लिया मिशन 200 पार का संकल्प:
प्रदेश कार्यसमिति में आज सुबह के सत्र में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें जीएसटी समेत किसान आंदोलन पर विस्तार से चर्चा की गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि मंदसौर समेत मालवा के कुछ हिस्सों में हुआ किसान आंदोलन में अराजक तत्व शामिल हो गए थे। इनके कारण ही यह आंदोलन हिंसक दौर में पहुंचा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि हमें जीएसटी के फायदे जनता को बताना है। प्रस्ताव में किसान मित्र भाजपा का नारा जनता के बीच लेकर जाने का आव्हान किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं है। संगठन सरकार के कामों को कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएगा और विकास के मुद्दे पर हम चुनाव मैदान में होंगे। सकारात्मक राजनीति हमें इस बार 200 पार पहुंचाएगी।

तीन मुद्दों पर फोकस
प्रदेश कार्यसमिति पूरी तरह नगरीय निकाय चुनाव, किसान और दलित वोटों का रूझान अपने पक्ष में करने पर सीमित रही। उद्घाटन सत्र के बाद कार्यसमिति सदस्यों से इन मसलों को लेकर सुझाव लिए गए। 
इसके अलावा प्रस्ताव में रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने,स्वच्छता अभियान, छह करोड़ पौधारोपण समेत अन्य मसलों पर फोकस किया गया है।

नसीहत बेअसर
वहीं मोहनखेड़ा में तीन महीने पहले हुई प्रदेश कार्यसमिति में दी गई नसीहतें इस कार्यसमिति में बेअसर दिखीं। पिछली बार हुई कार्यसमिति में कई सदस्यों के गायब रहने पर सीएम ने नाराजगी जताते हुए ऐसे सदस्यों को कार्यसमिति से मुक्त करने को कहा था। यह बात अलहदा है कि संगठन ने ऐसे किसी पदाधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की।




इस बार की कार्यसमिति में कुछ मंत्री समय पर नहीं आए तो कई सांसद और विधायक बैठक में नहीं दिखे। इसके अलावा कई स्थाई आमंत्रित और विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भी बैठक से किनारा कर लिया। बैठक में जिलाध्यक्ष और महामंत्रियों को भी बुलाया गया था पर कई जगहों के जिलाध्यक्ष भी बैठक में नहीं दिखे।


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