भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश के बाद प्रदेश संगठन ने इस फॉर्मूले पर काम शुरू कर दिया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच सीएम हाउस में हुई बैठक में इस रणनीति का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है। इसमें कांग्रेस के 10 ऐसे विधायक चिन्हित किए हैं, जिनको घेरने से भाजपा को काफी फायदा होगा।
कांग्रेस के दिग्गजों को घेरने का भाजपा ने संभागीय संगठन मंत्रियों को जिम्मा दिया है। पार्टी जल्द ही कांग्रेस के बड़े नेताओं से जुड़े मामले निकालकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्वजनिक कर सकती है। पार्टी ने चुनाव प्रबंधन के लिए बनी रणनीति समिति से कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को कमजोर करने के लिए उनके क्षेत्र के कुछ कांग्रेसियों को तोड़कर भाजपा में शामिल करने के फॉर्मूले पर भी काम करें।
– इन विधायकों को घेरगी भाजपा
रामनिवास रावत : श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से तीन बार लगातार जीते हैं। पांचवीं बार विधायक हैं। ग्वालियर चंबल में ओबीसी वोटर पर असर डालते हैं। विधानसभा में भी भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं।
डॉ. गोविंद सिंह : भिंड जिले की लहार सीट से छह बार के विधायक हैं। लगातार चुनाव जीते हैं। गोंविद ङ्क्षसह को घेरने से भाजपा को ग्वालियर-चंबल की कई सीटों पर लाभ मिलेगा। गोविंद सिंह क्षत्रिय वोटरों पर अपना प्रभाव रखते हैं।
केपी सिंह : शिवपुरी जिले की पिछोर से पांच बार के विधायक हैं और ढाई दशक से कोई चुनाव नहीं हारे हैं। ये ग्वालियर-चंबल में असर डालते हैं। शिवपुरी जिले की कई सीटें प्रभावित करते हैं।
मुकेश नायक : बुंदेलखंड में खासा असर। तीन बार विधानसभा का चुनाव जीते। ब्राह्मण वोटों को प्रभावित करते हैं।
अजय ङ्क्षसह : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, विंध्य की 30 सीटों को सीधे प्रभावित करते हैं। उनकी क्षत्रिय वोटरों पर खासी पकड़ है। छह बार चुनाव जीत चुके हैं। अजय ङ्क्षसह और उनकी मां के विवाद को भाजपा ने मुद्दा बनाकर उन्हें घेरने की कोशिश की है।
आरिफ अकील : भोपाल उत्तर से पांच बार के विधायक हैं। भोपाल के साथ ही प्रदेश की कई सीटों की मुस्लिम वोटरों पर पकड़ है। बाला बच्चन : आदिवासी वोटरों पर पकड़ के साथ ही मालवा-निमाड़ में इनका खासा प्रभाव है। ये चार बार के विधायक हैं। भाजपा बाला बच्चन को घेरकर निमाड़ में बढ़ रहे असंतोष को कम करने की कवायद मे जुटी है।
जीतू पटवारी : मालवा में अच्छी पकड़ है। ओबीसी विशेषकर खाती समाज के वोटरों पर पकड़ है।
जीतू पटवारी : मालवा में अच्छी पकड़ है। ओबीसी विशेषकर खाती समाज के वोटरों पर पकड़ है।
जयवर्धन सिंह और ओमकार मरकाम : दोनों युवा नेताओं की अपने क्षेत्र में पकड़ बढ़ रही है। मरकाम के आदिवासियों में बढ़ते जनाधार से पार्टी चिंतित है।