भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रात दस बजे दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने की मांग की। जिसके जबाव में स्पीकर ने कहा- सदन के बीच में श्रद्धांजलि अर्पित नहीं की जा सकती है। आप खुद संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं और आप बेहतर तरीके से जानते हैं।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा- शीला दीक्षित गांधी परिवार की नहीं हैं इसलिए उनका सम्मान नहीं हो रहा है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ( Gopal Bhargava ) ने कहा- शनिवार और रविवार को अगर सदन चल सकता है तो फिर शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि क्यों अर्पित नहीं की जा सकती है। इसके जवाब में स्पीकर ने कहा- श्रद्धांजलि सोमवार को अर्पित की जाएगी। यह सुनने के बाद विपक्ष ने विधानसभा का बहिगर्मन किया और पांच मिनट बाद सदन में वापस लौटा।
सीएम कमल नाथ ( Kamal Nath ) ने मामले में कहा- कि सुबह स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में तय हुआ था कि शीला दीक्षित को 22 जुलाई को श्रद्धांजलि अर्फित की जाएगी। फिर अचानक रात में अनुदानों की चर्चा के दौरान श्रद्धांजलि देने की मांग उठाने का क्या औचित्य है।