रामलाल ने दिन भर चुनाव प्रबंधन के लिए बनाई गई समितियों की बैठकें ली। इसमें तय किया गया कि घोषणा-पत्र के सुझावों के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय व जिला कार्यालय पर सुझाव पेटी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि सदस्य 20 अगस्त तक जिलों में बैठकें कर 15 सितंबर तक ड्राफ्ट सौंप दें। रामलाल ने कहा, आप लोग क्या कहते हैं इससे घोषणा-पत्र मत बनाओ, बल्कि यह देखो कि जनता क्या कहती है।
रविवार को भी रामलाल भोपाल में ही रहेंगे। रामलाल ने विधानसभा सम्मेलन समिति की बैठक में कहा कि हर हाल में 25 सितंबर से पहले प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन कर लें। एक सम्मेलन में औसतन पांच हजार कार्यकर्ता आ रहे हैं तो, सभी विधानसभा में कम से 6 लाख कार्यकर्ता आएंगे। एक कार्यकर्ता पांच घंटे सम्मेलन में रहा तो यह 30 लाख घंटे होते हैं। रामलाल ने कहा कार्यकर्ताओं के ये 30 लाख घंटे बेशकीमती हंै, संगठन को इनका सदुपयोग करना चाहिए।
निष्क्रियता पर नाराजगी
रामलाल ने समन्वय समितियों की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। 27 जून को रामलाल ने हर जिले में संगठन और जनप्रतिनिधियों में समन्वय के लिए 23 टीमें बनाई थी। हर टीम में मंत्री, सांसद और प्रदेश स्तर के दो-दो नेता शामिल थे। एक महीने में कुछ ही टीमें जिलों में समन्वय के लिए बैठकें कर पाईं। उन्होंने 20 अगस्त तक सभी को जिलों में समन्वय बैठाने को कहा।
सोशल मीडिया पर क्यों नहीं हैं फालोअर: सोशल मीडिया की बैठक में सवाल उठाया, बड़े नेताओं के फालोअर्स की संख्या अच्छी है तो प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के फॉलोअर्स कम क्यों हैं। पार्टी सदस्यों की संख्या ही प्रदेश में एक करोड़ है तो हर पदाधिकारी के फालोअर भी बहुत होना चाहिए।