उन्होंने प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से कहा, चुनाव तक यहीं डेरा जमाओ। बैठक में भाजपा की खतरे वाली सीटों पर मंथन हुआ। शाह ने कहा, हम जीत के लिए सीटों के हिसाब से रणनीति बदलेंगे। दृष्टि-पत्र के लिए 20-22 अक्टूबर को सीएम शिवराज व विक्रम वर्मा के साथ अलग से बैठक होगी। दृष्टि-पत्र 25 अक्टूबर तक फाइनल होगा।
केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, सांसद विक्रम वर्मा, आलोक संजर और घोषणा समिति सदस्य विक्रम वर्मा रात 11 बजे बाहर निकले। प्रदेश भाजपा कार्यालय में हो रही इस बैठक में मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन महामंत्री रामलाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह सहित अन्य नेता शामिल थे।
रात करीब 1 बजे खत्म हुई बैठक में शाह ने कहा कि हमें पूरी ताकत झोंककर चुनाव लडऩा है। बैठक में कहा गया कि 2019 में लोकसभा चुनाव है, इसलिए उसे देखते हुए किसानों की कर्ज माफी पर निर्णय लेना होगा। मध्यप्रदेश में कर्ज माफी की जाती है, तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी निर्णय करना होगा। 20 राज्यों में किसान आंदोलन हुआ था तो वहां पर असर भी देखना होगा।